हजारीबाग: झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीट है. इनमे से एक रामगढ़ विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है, जहां पहली बार देश में राजनीतिक हत्या हुई थी. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उम्मीदवार के रूप में मंजरुल हसन खान जेल में रहते हुए चुनाव लड़े थे और जीत कर विधायक चुने गए थे. लेकिन उस वक़्त एक ऐसा मोड़ आया कि उनके शपथ लेने से पहले ही पटना के विधायक क्लब के कमरे में उनकी हत्या कर दी गई थी. इसके बाद रामगढ़ विधानसभा सीट में उनकी पत्नी सैबुद्दीन निशा ने जीत हासिल की. साल 2000 में झारखंड के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर बाबूलाल मरांडी ने शपथ ली. इसके बाद उन्होंने दुमका लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. फिर उन्होंने रामगढ़ विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ कर जीत हासिल की.
रामगढ़ फ़तह करने के लिए कांग्रेस को उम्मेदवार की तलाश
इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस रामगढ सीट को जीतना चाहती है. इसके लिए पार्टी को एक मजबूत उम्मीदवार की तलाश है. इस सीट से कांग्रेस की ममता देवी ने 2019 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. लेकिन गोला गोलीकांड मामले में जब कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आया तब उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी. इसके बाद ममता देवी के पति बजरंग महतो को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था. लेकिन वह जीत नहीं पाए. प्रत्याशियों को लेकर पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से रायशुमारी की गई थी. इसमें स्थानीय नेताओं से कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सह कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी सिरीवेला प्रसाद ने बातचीत की थी. इसमें करीब आधे दर्जन से भी ज्यादा नेताओं में अपनी दावेदारी पेश की थी.
आजसू की सुनीता चौधरी का NDA उम्मीदवार बनना तय
आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी ने 2023 में रामगढ़ में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी. इस बार उनको रामगढ़ से NDA का प्रत्याशी तय माना जा रहा है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू और भाजपा में गठबंधन नहीं था. इस कारण कांग्रेस उस सीट से जीत गई. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच तालमेल अच्छा है. यह तय माना जा रहा है कि भाजपा अपने सहयोगी दल आजसू के लिए रामगढ़ विधानसभा सीट छोड़ सकती है.
जयराम महतो की पार्टी भी रामगढ़ में दम लगाने के लिए है तैयार
इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जयराम महतो की पार्टी JLKM के उम्मीदवार संजय मेहता ने अपनी मजबूत उस्पस्तिथि दर्ज कराइ थी. लेकिन अब विधानसभा चुनाव के पहले संजय मेहता ने जयराम और उनकी पार्टी का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली है. अब यहां से जयराम महतो और संजय मेहता दोनों ही अपनी पार्टी से उम्मीदवार उतारेंगे. जयराम महतो के पार्टी के संतोष चौधरी इलाके के लोगों के साथ लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे है.
बाबूलाल ने जीता था 2001 उपचुनाव
रामगढ़ विधानसभा सीट से साल 2000 में शब्बीर अहमद कुरैशी की जीत हुई थी. लेकिन उनके निधन के बाद साल 2001 में यहाँ उपचुनाव हुआ था. इस उपचुनाव में झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव लड़े और जीत गए थे. इसके बाद साल 2005 से 2014 तक लगातार तीन बार आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी इस सीट से जीते और चुनाव जीते. लेकिन वह साल 2019 में सांसद बन गए उनकी जगह उनकी पत्नी सुनीता चौधरी चुनावी मैदान में उतरी. लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी ने उन्हें हरा दिया. इसी बीच ममता देवी को गोला गोलीकांड के मामले में कोर्ट ने 2 साल अधिक की सजा सुनाई. इसके बाद यहाँ साल 2023 में उपचुनाव हुए. इसमें आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी ने जीत हासिल की.
रामगढ़ से 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली थी बढ़त
इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के रामगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मनीष जयसवाल को बढ़त मिली थी. इस चुनाव में यहां से मनीष जायसवाल को कुल 108110 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के जेपी पटेल को कुल 70517 वोट मिले थे. इस सीट से भाजपा प्रत्याशी मनीष जयसवाल को, कांग्रेस के जेपी पटेल से 37,593 वोट की बढ़त मिली थी.
2023 उपचुनाव के परिणाम
साल 2023 में हुए उपचुनाव में आजसू पार्टी की प्रत्याशी सुनीता चौद्रय ने इस सीट से विजय प्राप्त की थी. वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस के बजरंग महतो थे. सुनीता चौधरी को कुल 113243 वोट मिले थे.बजरंग महतो को कुल 91577 वोट मिले थे. सुनीता चौधरी ने बजरंग महतो को कुल 21,666 वोट से हराया था.
साल 2019 का चुनाव परिणाम
इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी ने जीत हासिल की थी. उन्हें कुल 99977 वोट मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर आजसू की सुनीता चौधरी रही थीं. उन्हें कुल 71226 वोट मिले थे. ममता देवी ने सुनीता चौधरी को कुल 28,751 वोट से हराया था.
साल 2014 का चुनाव परिणाम
इस विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत हासिल की थी. चंद्रप्रकाश चौधरी को कुल 98987 वोट मिले थे. दुसरे स्थान पर कांग्रेस पार्टी के शहजादा अनवर को 40169 वोट मिले थे. चंद्रप्रकाश चौधरी ने शहजादा अनवर को कुल 58,818 वोट से हराया था.
रामगढ़ के राजा का तीन दशक तक दिखा प्रभाव
1952 से रामगढ़ विधानसभा रामगढ़ सह हजारीबाग रूप से जाना जाता है. उस वक़्त एक विधानसभा से दो विधायक हुआ करते था. साल 1957 में रामगढ़ पूर्ण रूप से एक अग्ग विधानसभा सीट बन गई. आइयेअ ओको बताते है की कब कौन यहाँ से विधायक रहा है .
1952- छोसंपजपा पार्टी के बसंत नारायण सिंह और बिगन राम.
1957- छोसंपजपा पार्टी के तारा प्रसाद बख्शी
1962- छोसंपजपा पार्टी के तारा प्रसाद बख्शी
1967- छोसंपजपा पार्टी के तारा प्रसाद बख्शी
1969- कांग्रेस के बोदूलाल अग्रवाल
1972- भाकपा के मंजरूल हसन खान
1972 (उपचुनाव)- भाकपा के सैयुद्दीन निशा
1977- जनता पार्टी के विश्वनाथ चौधरी
1980- भाजपा के अर्जुन राम
1985- भाजपा के जमुना प्रसाद शर्मा
1990- भाजपा के अर्जुन राम
1995- भाजपा के शंकर चौधरी
2000- भाकपा के शब्बीर अहमद कुरैशी
2001- भाजपा के बाबूलाल मरांडी
2005- आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी
2009- आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी
2014- आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी
2019- कांग्रेस की मानता देवी
2023 (उपचुनाव)-आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी