जमशेदपुर: झामुमो से बगावत करने वाले झारखंड के जल संसाधन मंत्री चंपई सोरेन फिर दिल्ली के लिए निकल गए हैं। वह रविवार की रात कोलकाता पहुंचे। चंपई सोरेन के साथ उनके दोनों बेटे बाबूलाल सोरेन, वकील सोरेन और प्रेस सलाहकार चंचल गोस्वामी भी हैं। इसके पहले चंपई सोरेन ने बहरागोड़ा में समर्थकों से मुलाकात की। वह पोटका, चाईबासा और सरायकेला में भी अपने समर्थकों के साथ मीटिंग कर चुके हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली में चंपई सोरेन की मुलाकात केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा से हो सकती है। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की योजना है।
आगे की रणनीति पर होगा मंथन
चंपई सोरेन भाजपा ज्वाइन करेंगे या फिर अलग पार्टी बनाएंगे इसी पर मंथन होगा कहा जा रहा है। नई दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ होने वाली इस मुलाकात के बाद ही चंपई सोरेन अपनी राजनीति का खाका तय करेंगे। चंपई सोरेन एक सप्ताह पहले भी दिल्ली गए थे। तीन दिन वहां रुके थे और इसके बाद वापस लौट आए थे। अपने घर जिलिंगगोड़ा में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि वह नया संगठन खड़ा करेंगे। चंपई सोरेन ने झामुमो से बगावत कर दी है। लेकिन अभी तक झामुमो से इस्तीफा नहीं दिया। ना ही मंत्री पद छोड़ा है। जेएमएम की तरफ से भी इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साधी गई है। हेमंत सोरेन किसी भी तरह का आरोप अपने ऊपर नहीं लेना चाहते। इसलिए झामुमो इस मामले में पूरी तरह इंतजार कर रही है कि चंपई सोरेन ही अगला कदम आगे बढ़ाएं। मीडिया में दावा किया जा रहा था कि चंपई सोरेन के साथ कई विधायक हैं। लेकिन एक-एक कर सभी विधायकों समीर मोहंती, संजीव सरदार, मंगल कालिंदी और रामदास सोरेन ने पूरे मामले को अफवाह करार दिया और कहा कि वह चंपई सोरेन के साथ नहीं हैं। बल्कि हेमंत सोरेन के साथ हैं।
जीतन राम मांझी के नक्शे कदम पर चल रहे चंपई
अब दिल्ली में मुलाकात के बाद चंपई सोरेन की राजनीति की आगे की राह निकलेगी। चंपई सोरेन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को भी राजनीतिक मजबूरी के तहत मुख्यमंत्री बनाया था। मुख्यमंत्री बनते ही वह नीतीश कुमार को लगा कि जीतन राम मांझी किसी दूसरी बड़ी राजनीतिक पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें हटा दिया गया तो जीतन राम मांझी ने बगावत कर दी। नई पार्टी बना ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी जेल जाने से पहले चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया था। हेमंत सोरेन को भी पता चला कि चंपई सोरेन भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर रहे हैं। इसीलिए जेल से छूटते ही उन्होंने चंपई सोरेन को बाहर का रास्ता दिखाया।