रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और प्रदेश की सियासत में रोज नए मोड़ देखने को मिल रहे हैं। इसी कड़ी में एक बड़ी खबर यह है कि इंडिया गठबंधन के मंत्री और ‘कोल्हान टाइगर’ के नाम से मशहूर चंपई सोरेन, भाजपा में शामिल होने के लिए दिल्ली में हैं। हालांकि, यह डील अभी पूरी नहीं हो पाई है, लेकिन चंपई सोरेन की राजनीतिक गतिविधियां पहले ही लीक हो गईं, जिससे उनके लिए हालात काफी मुश्किल हो गए हैं।
दिल्ली दौरे पर क्यों गए थे चंपई सोरेन?
सूत्रों के मुताबिक, चंपई सोरेन कई महीनों से भाजपा के संपर्क में थे। कहा जा रहा है कि भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का लालच दिया था, जबकि चंपई राज्यपाल बनना चाहते थे। इसके अलावा, उन्होंने अपने बेटे बाबूलाल सोरेन के लिए घाटशिला या पोटका विधानसभा सीट से टिकट मांगा था और जीत के बाद मंत्री पद की भी मांग की थी। इसी मंशा से चंपई सोरेन दिल्ली गए थे, जहां उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर डील फाइनल करनी थी।
मीडिया में कैसे लीक हुई चंपई सोरेन की गतिविधियां?
चंपई सोरेन का दिल्ली जाना और भाजपा से डील होना सब कुछ गुप्त रहना चाहिए था, लेकिन उनकी हर गतिविधि मीडिया में लीक हो गई। इससे साफ हो गया कि उनके राजनीतिक दुश्मनों ने उनकी स्थिति कमजोर करने के लिए इस जानकारी को लीक किया। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, चंपई सोरेन को इस बात का अंदाजा होते ही सतर्क हो जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अब वे सियासी मंझधार में फंस गए हैं।
बड़े ओहदे के साथ बेटे को सेट करने की तैयारी
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि चंपई सोरेन ने अपने बेटे बाबूलाल सोरेन के लिए घाटशिला या पोटका विधानसभा सीट से टिकट की मांग की थी। चंपई चाहते थे कि भाजपा सरकार बनने पर उनके बेटे को मंत्री बनाया जाए। अब जबकि चंपई भाजपा में शामिल होने वाले हैं, उनके बेटे के लिए टिकट की राह आसान हो गई है। घाटशिला में भाजपा के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है, इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि बाबूलाल सोरेन को टिकट मिल सकता है।
सियासी ढोल बजने से पहले ही फट गया
चंपई सोरेन का गुपचुप तरीके से दिल्ली जाना नाकाम हो गया और उनकी राजनीतिक गतिविधियां सार्वजनिक हो गईं। उनके कोलकाता से दिल्ली जाने, किस होटल में ठहरने और किस जहाज से उड़ान भरने की जानकारी मीडिया में लीक हो गई। इस लीक का मकसद उनकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर करना था। अब चंपई सोरेन के पास दो ही विकल्प हैं: या तो भाजपा का ऑफर मान लें या फिर अपने राजनीतिक करियर को खतरे में डाल दें।
घाटशिला से मिल सकता है बाबूलाल को टिकट
चंपई सोरेन अपने बेटे बाबूलाल की राजनीतिक ताजपोशी के लिए चिंतित हैं। वह चाहते हैं कि इस बार बाबूलाल हर हाल में विधानसभा में पहुंचे। अब जब चंपई भाजपा में शामिल होने वाले हैं, तो उनके बेटे के लिए टिकट पाना आसान हो सकता है। बाबूलाल सोरेन घाटशिला से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और अब यह साफ हो गया है कि उनकी योजना भाजपा से टिकट पाने की थी।
चंपई सोरेन के दिल्ली दौरे और भाजपा से संभावित डील की खबरें लीक होने से उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई है। अब उनके पास सीमित विकल्प बचे हैं, जो उनके भविष्य की राजनीति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।