केशव महतो के सहारे कुड़मियों को साधने का कांग्रेस का प्लान, क्या बिगड़ सकता है भाजपा का खेल
रांची : विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने झारखंड में कुड़मी नेता केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बैठा कर कुड़मी बिरादरी को साधने की कोशिश शुरू कर दी है। इसी को लेकर केशव महतो कमलेश को पार्टी ने विधानसभा चुनाव का चेहरा बनाया है। कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को इसका लाभ मिल सकता है। माना जा रहा है कि केशव महतो कमलेश की वजह से कुड़मी बिरादरी का झुकाव कांग्रेस की तरफ होगा। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस इसका फायदा उठा सकती है।
भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं कमलेश
माना जा रहा है कि केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से कुड़मी और ओबीसी वोट कांग्रेस की तरफ आएंगे। झारखंड में पिछड़ा वर्ग की संख्या अधिक है। झारखंड में ओबीसी बिरादरी की संख्या 46 प्रतिशत है। बताते हैं कि कांग्रेस के इस फैसले से ओबीसी बिरादरी में अब पार्टी की पैठ पहले से अधिक मजबूत होगी। इस वजह से कांग्रेस ओबीसी वोटरों में सेंधमारी कर सकती है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केशव महतो कमलेश भाजपा के लिए मुशिकल खड़ी कर सकते हैं। भाजपा के पास महतो वोट बैंक साधने का एक सहारा आजसू के सुदेश महतो हैं। केशव महतो कमलेश के कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने से अब भाजपा पर दबाव बढ़ गया है। अब भाजपा को सुदेश महतो को साध कर रखना होगा। अगर सुदेश महतो नाराज होते हैं तो भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं।
एसटी का दर्जा नहीं मिलने से भाजपा से नाराज हैं कुड़मी
बताया जा रहा है कि कुड़मी बिरादरी अभी भाजपा से नाराज चल रही है। क्योंकि, केंद्र सरकार ने उन्हें आदिवासी का दर्जा नहीं दिया था। कुड़मियों ने इसके लिए झारखंड में आंदोलन भी किया था। मगर, कोई नतीजा नहीं निकला था। भाजपा के नेता व तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने ही कुड़मियों की इस मांग को खारिज कर दिया था।
कौन हैं केशव महतो कमलेश
केशव महतो कमलेश कांग्रेस के अनुभवी नेताओं में हैं। वह राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। सिल्ली से उन्होंने 1985 में विधानसभा चुनाव भी जीता था। वह 1989 में बिहार सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे। 1995 में भी केशव महतो कमलेश ने सिल्ली से विधानसभा चुनाव जीता था। मगर, साल 2000 में हुए चुनाव में वह आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो से हार गए थे। जब रामेश्वर उरांव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए तब केशव महतो कमलेश प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। केशव महतो कमलेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं।
लोकसभा चुनाव से ही कुड़मियों पर कांग्रेस की नजर
लोकसभा चुनाव से ही कुड़मी बिरादरी पर कांग्रेसियों की नजर है। बताया जा रहा है कि प्रदेश स्तरीय नेताओं ने दिल्ली में बैठे वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा चुनाव से पहले ही बता दिया था कि प्रदेश में कुड़मी बिरादरी का खासा असर है। इसलिए, कांग्रेस को भी कुड़मियों को रिझाना होगा। बताया जा रहा है कि इसी के बाद कांग्रेस ने कुड़मियों को अपने पाले में करने की रणनीति तैयार की थी। इसी रणनीति को धरातल पर उतारने के लिए मांडू के भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल पर डोरे डाले गए थे और उन्हें कांग्रेस ज्वाइन कराई गई थी। जयप्रकाश भाई पटेल को हजारीबाग लोकसभा सीट का उम्मीदवार बना कर कुड़मियों में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश हुई थी। मगर, कांग्रेस का यह दांव खाली चला गया था। इसीलिए, अब कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कुड़मी नेता को बैठा कर एक नया दांव चला है।
प्रदेश प्रभारी से मिले थे कुड़मी समुदाय के नेता
बताते हैं कि कुड़मी समुदाय के नेता कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर से मिले थे। उन्हें बताया था कि कांग्रेस में कोई कुड़मी नेता आगे नहीं है। प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए किसी कुड़मी नेता को कांग्रेस का चेहरा बनाना होगा। बताया जा रहा है कि तभी से गुलाम अहमद मीर किसी कुड़मी नेता को आगे करने के काम पर लगे हुए थे। इसके लिए उन्होंने दिल्ली में बैठे वरिष्ठ नेताओं को भी समझा लिया था।
आदिवासियों में मायूसी
बताया जा रहा है कि केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से जहां कुड़मी बिरादरी का कांग्रेस से जुड़ाव होगा तो वहीं आदिवासियों का एक तबके को मायूसी हाथ लगी है। यह तबका इस उम्मीद में था कि कांग्रेस किसी आदिवासी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने वाली है। इसे लेकर मांडर के पूर्व विधायक बंधु तिर्की की चर्चा थी। मगर, बंधु तिर्की के प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनने से आदिवासियों में मायूसी है। वहीं, राजनीति के जानकार इस थ्योरी को दरकिनार भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस और झामुमो मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं। इस वजह से जहां झामुमो का उम्मीदवार नहीं होगा वहां आदिवासी समुदाय कांग्रेस का सपोर्ट करेंगे। क्योंकि, कांग्रेस में कई ऐसे विधायक हैं जो प्रदेश में आदिवासी चेहरा हैं।
कांग्रेसियों का एक धड़ा नाराज
वहीं कांग्रेस का एक धड़ा इस तैनाती से नाराज भी है। कांग्रेस के इस धड़े का कहना है कि अगर कांग्रेस को कुड़मी वोटरों को साधना ही था तो किसी दमदार नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहिए था। कहा जा रहा है कि केशव महतो कमलेश भले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। मगर, बिरादरी में उनकी पकड़ अब उतनी मजबूत नहीं रही।