आजाद नगर में बनाए जा रहे थे इंजिनियरिंग और यूनिवर्सिटी के फर्जी सर्टिफिकेट, एसडीओ ने छापामारी कर पकड़ा
जमशेदपुर: मानगो के आजाद नगर थाना क्षेत्र के ग्रीन वैली के पास मकान नंबर 92 में यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग कॉलेज और डिप्लोमा कॉलेज के फर्जी सर्टिफिकेट बनाए जा रहे थे। मुखबिर से इसकी जानकारी मिलने के बाद एसडीओ धालभूम पारुल सिंह ने पुलिस फोर्स के साथ इस मकान में छापामारी की। छापामारी में यहां से बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग, डिप्लोमा, मैट्रिक, इंटर के सर्टिफिकेट जब्त किए गए हैं। जब्त सर्टिफिकेट में पश्चिम बंगाल की यूनिवर्सिटीज के भी सर्टिफिकेट हैं।
संचालक को किया गया गिरफ्तार
यह फर्जीवाड़ा चला रहे मंजर आलम को भी गिरफ्तार किया गया है। यहां एक युवक फर्जी प्रमाण पत्र लेने आया था। पुलिस ने उसको भी हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। युवक ने बताया कि वह विदेश जाना चाहता है। इसीलिए, वह फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने आया था।
10 दिन में तैयार हो जाता था जाली सर्टिफिकेट
बताते हैं कि ग्रीन वैली में मोहम्मद मंजर आलम के यहां से लोग फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर विदेश में नौकरी पर जाते थे। मंजर आलम के घर से कंप्यूटर, प्रिंटर, सीपीयू, पेन ड्राइव, मोबाइल, लैपटॉप और नकली सर्टिफिकेट जब्त किए गए हैं। बताते हैं कि सर्टिफिकेट के अच्छे खासे पैसे वसूल किए जाते थे। मंजर आलम ने पूछताछ में फर्जी सर्टिफिकेट बनाने की बात को कुबूल की है। उसने कहा कि वह 10 दिनों के अंदर फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कर लेता था। जो लोग इमरजेंसी में सर्टिफिकेट लेने आते थे उनसे अच्छी खासी रकम वसूल की जाती थी। मंजर आलम ने इस मामले में एक अन्य युवक का नाम भी बताया है। पुलिस उसकी तलाश में छापामारी कर रही है।
₹30000 में बिकते थे इंजीनियरिंग के सर्टिफिकेट
यहां इंजीनियरिंग के सर्टिफिकेट ₹15000 से लेकर ₹30000 में बिकते थे। इनमें बीटेक, एमटेक आदि के सर्टिफिकेट होते थे। डिप्लोमा के सर्टिफिकेट ₹10000 से ₹15000 में बेचे जाते थे। स्नातक के सर्टिफिकेट की कीमत ₹5000 से लेकर ₹8000 थी और मैट्रिक व इंटर के सर्टिफिकेट की कीमत ₹3000 से लेकर ₹5000 रखी गई थी।