रांची : इंडिया गठबंधन अपनी पांच योजनाओं के बूते झारखंड मकें चुनावी परचम लहराने की कवायद में है। इन योजनाओं का खूब प्रचार प्रसार चल रहा है। सरकार ने जो प्लान तैयार किया है उनमें चुनाव का एलान होने से पहले ही सरकार इन योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश में जुट गई है। इसीलिए, आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों में जाकर कैंप लगा रहे हैं और योजनाओं के आवेदन भरे जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरकार जिस ढर्रे पर चल निकली है उसमें यह पांच योजनाएं गेम चेंजर साबित होने वाली हैं। इन योजनाओं में झारखंड मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना योजना एक नंबर पर है। इसके अलावा, सर्वजन पेंशन योजना, ओल्ड पेंशन स्कीम, निजी क्षेत्र में स्थानीय के लिए 75 फीसद आरक्षण योजना और मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस शामिल हैं।
गेम चेंजर साबित हो रही मइयां सम्मान योजना
इन योजनाओं में सबसे टॉप पर झारखंड मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना है। यह योजना काफी लोकप्रिय साबित हो रही है। जहां भी योजना का शिविर लगता है आवेदन भरने के लिए महिलाओं की कतार लग जाती है। हुरलुंग गांव की महिला सुमन मुर्मू कहती हैं कि इस योजना से इंडिया गठबंधन की सरकार ने महिलाओं का एक बड़ा टेंशन दूर कर दिया है। महिलाओं को अपनी रसोई चलाने में काफी आसानी होगी। इस योजना के तहत 21 वर्ष से 50 वर्ष के बीच की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह देने का प्रावधान है। जिन महिलाओं ने योजना का फार्म भरा था उन्हें पहली किस्त मिल चुकी है। इससे महिलाएं काफी उत्साहित हैं।
इंग्लिश मीडियम में हो रही पढ़ाई
मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत चुनिंदा स्कूलों में इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई कराई जा रही है। यह सीबीएसई पाठ्यक्रम पर आधारित है। इस योजना से छात्र काफी खुश हैं। लोगों की मांग है कि इस योजना को सभी स्कूलों में लागू किया जाना चाहिए। क्योंकि, इससे झारखंड में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी। यही नहीं, सरकार ने लाखों लोगों को ओल्ड पेंशन का लाभ दिया है। इससे रिटायर कर्मियों के घर में खुशी का माहौल है। हेमंत सरकार झारखंड में गरीबों को कपड़ा भी बांट रही है। इसके तहत धोती-साड़ी का वितरण किया जाता है। इस योजना से भी गरीबों को काफी फायदा हो रहा है।
स्थानीय लोगों को आरक्षण
हेमंत सरकार ने जो बड़ा फैसला लिया था वह है निजी क्षेत्र में 75 फीसद से अधिक स्थानीय लोगों को नौकरी देने की बात। स्थानीय लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी मिलने लगी है। अब प्राइवेट संस्थानों में स्थानीय युवक दिखने लगे हैं। इससे झारखंड के स्थानीय युवकों को रोजगार मिलने लगा है। इलाके के लोगों को इसका फायदा मिल रहा है। पहले निजी क्षेत्र की कंपनियों में बाहरी युवक रखे जाते थे। मगर, अब स्थानीय को प्राथमिकता मिलने से झारखंड में रोजगार के नए अवसर सामने आए हैं। सर्वजन पेंशन योजना के तहत अब सभी पात्र लोगों को पेंशन दी जा रही है। पहले लोगों के पेंशन पाने के लिए इंतजार करना पड़ता था।