नहीं चल पाया एनडीए का घुसपैठ का मुद्दा, 31 सीटों पर सिमटने का आकलन
मइयां सम्मान योजना साबित हुई गेम चेंजर, इंडिया गठबंधन की रही बल्ले बल्ले
एनडीए को 29 से 31 सीट, इंडिया गठबंधन 50-52 सीटों के आसपास
कोल्हान में 14- प्रमंडल एनडीए 4 से 5, इंडिया 9 से 10 सीटें
उत्तरी छोटा नागपुर- 25, एनडीए-10, इंडिया 15 सीटें
दक्षिणी छोटा नागपुर 15, एनडीए 8, इंडिया 7 सीटें
पलामू- 9, एनडीए 4, इंडिया 5 सीटें
संथाल – 18, एनडीए 3 से 4, इंडिया 14 से 15 सीटें
Exit Poll Jharkhand : हम आपके लिए लाए हैं झारखंड विधानसभा चुनाव की वह तस्वीर जिसका आपको बेसब्री से इंतजार था। जी हां। यह है झारखंड विधानसभा का एग्जिट पोल। समीक्षा ठीक, आंकडे सटीक। इसके पहले चुनाव की शुरुआत में हमने आपको एनडीए और इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर जो जानकारी दी थी वह एकदम सटीक उतरी थी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस गठबंधन को कितनी सीटें मिलने जा रही हैं। झारखंड में किस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। इंडिया गठबंधन वापस आ रहा है। या कमल का फूल खिलेगा।
झारखंड में आज दूसरे चरण का मतदान संपन्न हो गया है। इस तरह, प्रदेश की सभी 81 सीटों पर वोटिंग पूरी हो चुकी है। अब समय है एग्जिट पोल का। फिफ्थ पिलर की टीम ने झारखंड के दोनों चरणों के चुनाव का बारीकी से जायजा लिया। हमारी टीम ने एक एक विधानसभा सीट का सर्वे किया है। इस सर्वे के अनुसार इंडिया गठबंधन की सरकार एक बार फिर झारखंड में बनती नजर आ रही है। झारखंड में इंडिया गठबंधन की सरकार बन रही है। झारखंड की विधानसभा में सीटों की संख्या 81 है। इस तरह सरकार बनाने के लिए बहुमत का जादुई आंकडा छूना जरूरी है। यह जादुई आंकडा है 41 सीटों का। झारखंड वह राज्य है जहां अब तक हुए विधानसभा चुनावों में कोई भी दल अपने बूते बहुमत हासिल नहीं कर सका है। इस बार यहां कांग्रेस, जेएमएम, राजद व वाम मोर्चा वाले इंडिया गठबंधन और भाजपा, जदयू, लोजपा व आजसू वाले एनडीए के बीच एक एक सीट पर कांटे का मुकाबला रहा।
एनडीए को 29 से 31 सीट, इंडिया गठबंधन 50-52 के आसपास सीटें
हमारे सर्वे के अनुसार झारखंड की 81 सीटों में से इंडिया गठबंधन को 50 से 52 सीटें मिलने जा रही हैं। इस तरह, इंडिया गठबंधन यहां एक बार फिर सरकार बनाने जा रहा है। एनडीए को 29 से 31 सीटें मिलती दिख रही हैं। एनडीए सरकार बनाने की अपनी कोशिश से पिछडता नजर आ रहा है। इसके पीछे दो बडे कारण हैं। पहला तो इंडिया गठबंधन सरकार का काम। दूसरा भाजपा के पास मुद्दों का अभाव। इंडिया गठबंधन ने इस बार बडी निर्माण वाली योजनाओं के पूरा करने पर फोकस किया ही साथ ही सरकार का कैश का भंडार भरने पर जोर दिया। इससे कई लाभकारी योजनाएं चलाई गईं। गांवों में वस्त्र वितरण कराया गया। जब चुनाव नजदीक थे तो झारखंड मुख्यमंत्री मइयां सम्मान योजना पेश कर दी। यह योजना इंडिया गठबंधन के लिए गेम चेंजर साबित हुई है। दूसरी तरफ, भाजपा ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया। इंडिया गठबंधन ने इस नाकामी का आरोप गृह मंत्रालय पर ही मढ कर इस मुद्दे की हवा निकाल दी। हेमंत सोरेन जनता को यह समझाने में कामयाब रहे कि बांग्लादेश की फरार पीएम शेख हसीना की दिल्ली में एनडीए सरकार आवभगत कर रही है और घुसपैठ का इल्जाम झारखंड पर लगा रही है। कोल्हान, पलामू और संथाल में इंडिया गठबंधन का अच्छा प्रदर्शन नजर आ रहा है। कोल्हान में इंडिया गठबंधन एक बार फिर क्लीन स्वीप करता नजर आ रहा है। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा से कई सीटों पर एनडीए को भी नुकसान होता नजर आ रहा है। कई सीटों पर महतो वोट आजसू से कटते नजर आ रहे हैं। इसका सीधा नुकसान एनडीए के खाते में जा रहा है। इस बार झारखंड में पिछले चुनाव से अधिक महिला मतदाता बूथ पर नजर आई हैं। इसका लाभ इंडिया गठबंधन को मिलने वाला है। महिलाओं की यह भीड मइयां सम्मान योजना की वजह से है।
कोल्हान में 14- प्रमंडल एनडीए 4 से 5, इंडिया 9 से 10 सीटें
कोल्हान में पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए का खाता नहीं खुला था। मगर, इस बार वह यहां अपना खाता खोल रहा है। कोल्हान में एनडीए को 4 से 5 सीटें मिलने जा रही हैं। जबकि, यहां से इंडिया गठबंधन 9 से 10 सीटें निकाल रहा है। कोल्हान में एनडीए ने सोचा था कि 14 में से कम से कम 10 सीटें निकल जाएंगी। पूर्व सीएम चंपई सोरेन के आने का फायदा मिलेगा। मगर, कोल्हान में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि, जेएमएम का वोटर सिर्फ सिंबल पर वोट करता है। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सिंबल वोटिंग होती है। यहां के मतदाता उम्मीदवार के चेहरे की जगह सिर्फ सिंबल देखते हैं। झारखंड में शिबू सोरेन को गुरू जी कहते हैं। वोटर सिर्फ गुरू जी का तीर-धनुष देखते हैं। ऐसे में चंपई सोरेन खुद अपनी सीट बचाने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। ग्रामीण इलाके में जेएमएम ने अच्छा प्रदर्शन तो किया ही है, शहर कांग्रेस संभाल रही है। जमशेदपुर में कांग्रेस के बेहतर प्रयास से भाजपा के किले जैसी सीटें भी फंसी हुई हैं। जमशेदपुर पूर्वी की सीट भाजपा का गढ़ कही जाती है। मगर, इस सीट पर भाजपाई भी आश्वस्त नजर नहीं आ रहे हैं। कोल्हान में इंडिया गठबंधन जमशेदपुर पश्चिम, घाटशिला, पोटका, बहरागोडा, मझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, ईचागढ आदि सीटें जीत रही है।
उत्तरी छोटा नागपुर- 25, एनडीए-10, इंडिया 15 सीटें
उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल में कुल 25 सीटें हैं। इनमें से इंडिया गठबंधन 15 सीटें जीत रहा है। एनडीए को 10 के करीब सीटें मिल रही हैं। इस प्रमंडल में भाजपा ने कुछ बेहतर किया है। इस प्रमंडल की कई सीटें भाजपा का किला मानी जाती हैं। हजारीबाग का इलाका इसी प्रमंडल में आता है। बाघमारा सीट भी एनडीए की झोली में जाती नजर आ रही है। फिर भी इंडिया गठबंधन इस प्रमंडल से 15 सीटें निकाल रहा है जो एक बडी संख्या है। इसका लाभ इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने में मिल रहा है। उत्तरी छोटानागपुर में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 11 सीटें जीती थीं। इस बार उसे यहां एक सीट घटती दिख रही है। इंडिया गठबंधन को इस प्रमंडल में पिछले चुनाव में 10 सीटें मिली थीं। 4 सीटें अन्य के खाते में गई थीं। इस बार यहां इंडिया गठबंधन 5 सीटों के फायदे में नजर आ रहा है।
दक्षिणी छोटा नागपुर 15, एनडीए 8, इंडिया 7 सीटें
दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल में कुल 15 सीटें हैं। इनमें से इंडिया गठबंधन को 7 और एनडीए को 8 सीटें मिलती दिख रही हैं। इनमें मांडर, लोहरदगा, कोलेबीरा, बिशुनपुर आदि सीटें इंडिया गठबंधन के पाले में जाती हुई लग रही हैं। तमाड, खूंटी आदि सीटों पर एनडीए अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है। इस प्रमंडल में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 5 सीटें मिली थीं। बाकी सीटें इंडिया गठबंधन के खाते में गई थीं। इस बार यहां भाजपा 3 सीटों के फायदे में नजर आ रही है। इस प्रमंडल में उसकी 3 सीटें बढती दिख रही हैं।
पलामू- 9, एनडीए 4, इंडिया 5 सीटें
पलामू में कुल 9 सीटें हैं। इनमें से एनडीए को 4 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। इंडिया को 5 सीटें मिलती दिख रही हैं। गढवा, मनिका, लातेहार, छतरपुर आदि सीटें इंडिया गठबंधन की झोली में जा रही हैं। जबकि, हुसैनाबाद, डाल्टनगंज आदि सीटें बीजेपी को मिलने की संभावना जताई जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस प्रमंडल में भाजपा ने 5 सीटें जीती थीं। मगर, इस बार पलामू में इंडिया गठबंधन फायदे में दिख रहा है। इंडिया गठंधन को पिछले चुनाव में 4 सीटें मिली थीं। इस बार उसे 1 सीट का लाभ होता नजर आ रहा है।
संथाल – 18, एनडीए 3 से 4, इंडिया 14 से 15 सीटें
संथाल में कुल 18 सीटें हैं। इनमें से एनडीए को 3 से 4 और इंडिया गठबंधन को 14 से 15 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। संथाल इंडिया गठबंधन का गढ माना जाता है। यहां पाकुड, जामताडा, पोडैयाहाट आदि इलाका कांग्रेस का किला माना जाता है। जबकि, दुमका, जामा, लिट्टीपाडा, शिकारीपाडा आदि सीटें जेएमएम का गढ हैं। संथाल में सेंधमारी करने के लिए ही भाजपा ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया था। मगर, यह मुद्दा नहीं चल पाया। इस मुद्दे को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी पूर्व सीएम चंपई सोरेन के कांधे पर डाली गई थी। मगर, वह अपनी सीट पर फंस गए। इस वजह से वह संथाल का ज्यादा दौरा नहीं कर पाए। दूसरी तरफ, हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने संथाल का कोना कोना छान मारा। लोगों को बताया कि बीजेपी उन्हें कैसे परेशान कर रही है और किस तरह साजिश रच कर घुसपैठ का मुद्दा उठा रही है। हेमंत सोरेन लोगों को यह समझाने में कामयाब हो गए कि संथाल में घुसपैठ कोई मुद्दा नहीं है। संथाल में घुसपैठ नहीं हुई है। संथाल में मुस्लिम आबादी भी अधिक है। इसका लाभ भी इंडिया गठबंधन को मिला। इस प्रमंडल में इंडिया गठबंधन को पिछले चुनाव में 14 सीटें मिली थीं।