– एनडीए ने दिखाई है पूरी एकजुटता, इंडिया गठबंधन में बिखराव
झारखंड में इंडिया गठबंधन के घटक दलों में आपसी सहमति नहीं बन पाई है। तीन सीटों पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच टकराव है। इन दलों के बीच यहां फ्रेंडली फाइट हो रही है। जबकि, एनडीए में एकजुटता है।
सीटों के फार्मूले पर नहीं हो सका अमल
इंडिया गठबंधन ने सीटों का जो फार्मूला तय किया था उसमें 70 सीटों पर जेएमएम और कांग्रेस को चुनाव लडना था। बाकी 11 सीटें राजद और वाम दलों के लिए छोडी गई थीं। 70 सीटों में जेएमएम को 41 और कांग्रेस को 29 सीटों पर चुनाव लडने की बात तय हुई थी। मगर, जेएमएम ने 43 सीटों पर अपने उम्मीदवार खडे कर दिए हैं। कांग्रेस भी 30 सीटों पर चुनाव लड रही है। राजद ने सात सीटों पर और वामदलों ने चार सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। धनवार सीट पर जेएमएम और भाकपा माले के उम्मीदवार हैं। जबकि, छतरपुर और बिश्रामपुर में राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। राजनीतिक जानकारों का आकलन था कि नामांकन के बाद नाम वापसी से पहले इंडिया गठबंधन की जिच वाली सीटों पर आपसी सहमति बन जाएगी। इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेता भी यही कहते थे। मगर, ऐसा नहीं हुआ।
कहीं सोची समझी रणनीति तो नहीं
तीन सीटों पर इंडिया गठबंधन के दो घटक दलों के उम्मीदवार होने की चर्चा राजनीतिक हलकों में जोर शोर से चल रही है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह राजद, कांग्रेस, जेएमएम और भाकपा माले की सोची समझी रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। हो सकता है कि ऐसी रणनीति तैयार की गई हो कि जिसमें कोई उम्मीदवार खडा कर भाजपा के वोट बैंक में सेंध मारी की जा सके। इसी वजह से इन सीटों पर पर इंडिया गठबंधन के दो दलों ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं।
टकराव टालने की कोशिश जारी
इंडिया गठबंधन के नेता अब भी कह रहे हैं कि धनवार, छतरपुर और बिश्रामपुर में टकराव टालने की कोशिश जारी है। जेएमएम के महासचिव विनोद पांडेय का कहना है कि आपस में बातचीत चल रही है। हालांकि, नाम वापसी की तारीख गुजर चुकी है। मगर, फिर भी इंडिया गठबंधन चाहता है कि कोई टकराव नहीं हो तो बेहतर है। मगर, राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है। सब कुछ तय हो चुका है। उसी के अनुसार इन तीनों सीटों पर इलेक्शन चल रहा है। जेएमएम के सूत्रों के अनुसार अगर, इन तीनों सीटों पर इंडिया गठबंधन से एक उम्मीदवार होने की बात होती तो नाम वापसी की तारीख से पहले ही समझौता हो चुका होता।
आरजेडी को छह और भाकपा माले को मिली थीं तीन सीटें
सीटों के बंटवारे में आरजेडी को छह सीटें दी गई थीं। मगर, उसने बिश्रामपुर से भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। इस तरह राजद सात सीटों पर चुनाव लड रही है। इसी तरह, भाकपा माले को तीन सीटें मिली थीं। मगर, जब पार्टी के नेताओं ने देखा कि जेएमएम ने धनवार से अपना उम्मीदवार उतार दिया है तो भाकपा माले ने भी चार सीटों निरसा, बगोदर, सिंदरी और धनवार सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार दिया है।
जमुआ में जेएमएम की बन गई बात
भाकपा माले जमुआ में भी अपना उम्मीदवार उतारने जा रही थी। प्रत्याशी तक का एलान कर दिया गया था। मगर, ऐन मौके पर इस सीट पर प्रत्याशी को नामांकन करने से रोक दिया गया। दरअसल, जमुआ से जेएमएम ने केदार हाजरा को उम्मीदवार बनाया है। जब, जेएमएम ने धनवार से नामांकन कर दिया तो भाकपा माले में नाराजगी हुई और नेताओं ने तय किया कि वह भी जमुआ से अपना उम्मीदवार उतार देंगे। भाकपा माले ने उम्मीदवार के तौर पर अशोक पासवान के नाम का एलान भी कर दिया था। यह सुनते ही जेएमएम में खलबली मच गई। शीर्ष नेतृत्व में बात हुई और भाकपा माले ने जमुआ से उम्मीदवार उतारने का प्लान छोड दिया। इस सीट पर 44 सालों के चुनावी इतिहास को देखें तो पहली बार भाकपा माले का उम्मीदवार नहीं होगा। जमुआ में पिछले कई विधानसभा चुनावों से अशोक पासवान भाकपा माले के उम्मीदवार होते रहे हैं। तो अब जो हालात बने हैं उनमें देखना है कि मतगणना वाले दिन झारखंड में कैसे रिजल्ट आते हैं। हर किसी को मतदान वाले दिन का इंतजार है। यू ट्यूब न्यूज चैनल फिफ्थ पिलर आपसे अपील करता है कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए 13 नवंबर को घर से निकल कर बूथ तक जाएं और वोट जरूर करें। तो हमारा यह वीडिया आपको कैसा लगा। वीडियो को लाइक और सब्सक्राइब करना ना भूलें।