झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार खत्म हो गया है। 20 नवंबर को दूसरे चरण की 38 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इस चुनाव में बिहार के सीएम नीतीश कुमार प्रचार करने नहीं आए। उनका झारखंड नहीं आना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे लेकर राजनीतिक कयासों का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने देश की सियासत के लिए जो अगला प्लान तैयार किया है उससे बीजेपी नेताओं के होश उड गए हैं। क्या है यह प्लान। बिहार में क्या खेला होने जा रहा है। आज के इस खबर में हम इसी पर मंथन करेंगे। बताएंगे वह बड़ी वजह जिसके चलते बिहार के सीएम झारखंड में चुनाव प्रचार करने नहीं आए। अंदर की बात भी बताएंगे कि चुनाव प्रचार के मुद्दे पर नीतीश और भाजपा नेताओं में क्या बात हुई।
झारखंड में दो सीटों पर चुनाव लड़ रही जदयू
झारखंड में जदयू ने एनडीए के साथ चुनाव लड़ा है। जदयू के उम्मीदवार दो सीटों तमाड़ और जमशेदपुर पश्चिम में चुनाव लडे़ हैं। तमाड से राजा पीटर और जमशेदपुर पश्चिम से सरयू राय चुनाव मैदान में थे। इन दोनों सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। चुनाव प्रचार के दौरान चर्चा थी कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार झारखंड में चुनाव प्रचार करने आएंगे। मगर, ऐसा नहीं हुआ। नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में नहीं आने का चुनाव पर काफी असर पड़ा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर नीतीश कुमार आते तो एनडीए के पक्ष में और बेहतर माहौल बनाया जा सकता था।
भाजपा के हिंदुत्व कार्ड के कारण बनाई दूरी
आइए हम बताते हैं कि नीतीश कुमार चुनाव प्रचार करने क्यों नहीं आए। राजनीतिक जानकारों का आकलन है कि झारखंड में भाजपा के हिंदुत्व की लाइन लेने की वजह से नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार से किनाराकशी की है। नीतीश कुमार को लग रहा था कि कहीं न कहीं झारखंड में चुनाव प्रचार का असर उनके बिहार में अल्पसंख्यक वोटों पर पड़ेगा। इससे बिहार में जदयू का नुकसान हो सकता है। अंदर की बात है कि बिहार के सीएम ने भाजपा की टाप लीडरशिप के सामने यह शर्त रखी थी कि अगर प्रचार में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले मुद्दे हटा दिए जाएं तो वह चुनाव प्रचार कर सकते हैं।
करीबी के प्रचार में भी नहीं आए नीतीश
जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ने वाले सरयू राय नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। लोगों को उम्मीद थी कि नीतीश कुमार सरयू राय के प्रचार में जरूर आएंगे। नीतीश कुमार की अल्पसंख्यक समुदाय के बीच अच्छी छवि है। इसलिए, उनके आने का असर पडेगा। मगर, नीतीश कुमार ने अपने करीबी दोस्त सरयू राय के प्रचार में भी आने से इंकार कर दिया। जबकि, जदयू ने झारखंड में हो रहे चुनाव में काफी दिलचस्पी ली थी। जदयू की टॉप लीडरशिप ने सरयू राय को पार्टी में ज्वाइन कराया था।
लालू व तेजस्वी ने किया चुनाव प्रचार
राजद ने झारखंड में अपने छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। इन उम्मीदवारों के लिए लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों झारखंड आए और सभा की। लालू की सेहत ठीक नहीं है। वह पहले से कमजोर नजर आ रहे हैं। इसके बाद भी उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए झारखंड आने का फैसला किया। जबकि, नीतीश कुमार पूरी तरह फिट होने के बाद भी प्रचार करने नहीं आए। सियासी हलके में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
क्या है तेजस्वी का अगला प्लान
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार ने बिहार में आगामी चुनाव के लिए एक अलग प्लान तैयार कर रखा है। इस प्लान के अनुसार बिहार में जदयू को मुस्लिम वोट से जोड़ने के लिए नीतीश एक खास योजना तैयार कर रहे हैं। इसी वजह से वह झारखंड में चुनाव प्रचार करने नहीं गए। क्योंकि, झारखंड में चुनाव प्रचार करने से नीतीश के इस प्लान को झटका लग सकता था।
राजद व जदयू ने एक दूसरे पर कसा तंज
नीतीश कुमार के झारखंड में चुनाव प्रचार करने नहीं जाने पर राजद ने तंज कसा है। राजद के प्रवक्ता अरुण यादव ने सवाल उठाया कि जब जदयू झारखंड में चुनाव लड़ रही है। तो नीतीश को चुनाव प्रचार के लिए झारखंड जाना चाहिए था। वह झारखंड क्यों नहीं गए। इस पर जदयू के प्रवक्ता निहोरा यादव ने राजद पर कमेंट करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव चुनाव प्रचार करने झारखंड क्यों गए। वह वहां गए भी तो सुभाष यादव का प्रचार करने गए जो जेल में बंद हैं।