अगस्त के अंतिम सप्ताह में जारी होगी भाजपा के 35 प्रत्याशियों की सूची, जानिए किस-किस का टिकट हुआ फाइनल
निर्वाचन आयोग चुनाव तैयारियों में पूरी तरह जुट गया है। जिस प्रकार से चुनाव आयोग की तैयारी है, उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक चुनाव हो जाएंगे. पर्व-त्योहार को लेकर भी चुनाव आयोग होमवर्क कर रहा है. इधर, भारतीय जनता पार्टी इस बार झारखंड में भी छत्तीसगढ़ का फार्मूला अपनाने के मूड में है। भाजपा नेतृत्व ने तैयारी की है कि इस बार झारखंड में दो महीने पहले से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी। ताकि उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में काम करने का समय मिले। नाराज लोगों को भी साथ लाने के लिए भाजपा के पास मौका रहे।
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा काफी गंभीर है। पार्टी का सबसे अधिक फोकस एरिया संताल और कोल्हान है। यहां भाजपा सबसे अधिक कमजोर है। 28 आदिवासी सीटों में सिर्फ दो सीटें भाजपा के पास है। वहीं कोल्हान में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता भी नहीं खुला था। भाजपा कोल्हान में शून्य पर आउट हो गयी थी. लेकिन इस बार यह स्थिति उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए संगठन की ओर से कई स्तर की प्लानिंग की गयी है।
जिसमें तय किया गया है कि 15 अगस्त के बाद संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपाई, भाजपा के विधानसभा प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा सह प्रभारी हिमंता विश्वा सरमा के संगठनात्मक प्रवास के कार्यक्रम होंगे. सभी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास पर रहेंगे। वहां पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करेंगे, साथ ही जमीन पर उतर कर संभावित उम्मीदवारों के कद को भी आंकेंगे।
अगस्त के अंतिम सप्ताह तक जारी हो सकता है लिस्ट
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस बार झारखंड में भी भाजपा छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का ही मॉडल अपनाएगी। कम से कम दो माह पहले ही उम्मीदवारों को टिकट दे दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार कम से कम 28 आदिवासी सीट और 9 अनुसूचित जाति की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा अगस्त माह में ही कर दी जाएगी। ऐसा करने से उन सभी उम्मीदवारों को अपने-अपने क्षेत्र में काम करने का अधिक समय मिलेगा वहीं जो नाराज चल रहे हैं, उनके डैमेज कंट्रोल के लिए भी काफी वक्त संगठन को मिलेगा।
हर हाल में 28 आदिवासी सीट में 14 जीतने का लक्ष्य
बीजेपी की नजर झारखंड की एसटी सीटों पर है। 28 में से कम से कम 14 सीटों को जीतने का लक्ष्य पार्टी ने तय किया है। इसके लिए कई तरह की चुनावी रणनीति बनाई गई है। जानकारी के मुताबिक हर जिले की जिम्मेदारी पार्टी के बडे नेताओं को दी जाएगी, जो न केवल सांगठनिक प्रवास पर रहेंगे, बल्कि चुनावी नैया पार लगाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। भाजपा अपने सभी बडे आदिवासी नेताओं को मैदान में उतारेगी। इनमें अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, गीता कोडा, सुदर्शन भगत, डॉ अरुण उरांव, समीर उरांव, ताला मरांडी, सुनील सोरेन, सीता सोरेन समेत कई अन्य आदिवासी उम्मीदवारों का नाम पहली लिस्ट में जारी होने की संभावना है.