झारखंड में दो सितंबर को बंद रहेंगे पेट्रोल पंप, जानें अचानक क्यों सरकार से नाराज हो गए पेट्रोल पंप मालिक
रांची : झारखंड में पेट्रोल पर वैट 5 प्रतिशत कम करने की मांग उठाई गई है। पेट्रोल डीलर एसोसिएशन का कहना है कि झारखंड सरकार पेट्रोल पर लगाए गए 22 प्रतिशत वैट को घटा कर 17 प्रतिशत करे। कहा जा रहा है कि झारखंड में अन्य पड़ोसी राज्यों से अधिक वैट लगाया जा रहा है। मांग की गई है कि पेट्रोल पर वैट कम किया जाए। इस मांग को लेकर कारोबारी दो सितंबर को झारखंड में पेट्रोल पंप बंद रखेंगे। कारोबारियों का कहना है कि अपनी इस मांग को लेकर वह रविवार से पेट्रोल पंप कर्मी काली पट्टी बांध कर काम करेंगे। इस बात का एलान कारोबारियों ने शनिवार को एक मीटिंग की गई है। इस मीटिंग के बाद ही वैट को लेकर आंदोलन करने का एलान किया है।
सांसद व विधायकों को दिए जाएंगे ज्ञापन
पेट्रोल डीलर एसोसिएशन का कहना है कि रविवार से उनका आंदोलन शुरू हो जाएगा। इस दौरान झारखंड के सांसद और विधायकों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें मांग की जाएगी कि वह सरकार पर दबाव डालें कि वैट कम किया जाए। इससे जहां जनता को फायदा होगा तो वहीं सरकार भी लाभ में रहेगी। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को जनता के हित में इधर ध्यान देना चाहिए।
रघुवर सरकार में बढ़ाया गया था वैट
पेट्रोल डीलर एसोसिएशन का आरोप है कि पूर्व रघुवर सरकार ने पेट्रोल पर वैट बढ़ा दिया था। पेट्रोल डीलर एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने तब भी सरकार के इस कदम का विरोध किया था। मगर तत्कालीन भाजपा सरकार ने उनकी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया था। इसके अलावा, हेमंत सरकार में भी वैट कम करने की मांग की गई थी। मगर, कोई नतीजा नहीं निकला था। एसोसिएशन का कहना है कि वैट की लड़ाई आठ साल से चल रही है। जब भी एसोसिएशन आंदोलन शुरू करती है तो पेट्रोल डीलरों और पंप वालों को डराया-धमकाया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। 21 दिसंबर 2021 में भी रांची में एसोसिएशन ने वैट को लेकर एक दिवसीय बंदी की गई थी।
वैट कम करने से सरकार को होगा 500 करोड़ का फायदा
पेट्रोल डीलर एसोसिएशन का कहना है कि अगर झारखंड सरकार अगर वैट में 5 प्रतिशत की कमी करती है तो उसे फायदा होगा। एसोसिएशन का कहना है कि वैट कम करने से सरकार को तकरीबन 500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। एसोसिएशन का कहना है कि जब सरकार वैट कम करेगी तो प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की बिक्री बढ़ेगी। इस तरह, सरकार के पास वैट से अधिक पैसा आएगा।
मुगलसराय व गुजरात से आ रहा पेट्रोल-डीजल
एसोसिएशन का कहना है कि गुजरात और मुगलसराय से डीजल व पेट्रोल लाकर झारखंड में सप्लाई की जा रही है। पेट्रोल कंपनियों ने आउट सोर्स कर दिया है। अब कंपनियां वहां से तेल ला रही हैं जहां उन्हें यह कम कीमत पर मिलता है। नायरा गुजरात से तेल लाती है। वहां से झारखंड तेल लाने में नायरा को परिवहन लागत अधिक देनी पड़ रही है। फिर भी उसे तेल सस्ता पड़ रहा है। चालू वित्तीय साल की पहली तिमाही में एक लाख 10 हजार किलो लीटर दूसरे प्रदेशों से तेल लाया गया है। इसमें रिलायंस, इंडियन आयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और नायरा भी शामिल हैं।