राजनीतिक अस्थिरता रही झारखंड की सियासत का मुकद्दर, 23 साल में बने 13 मुख्यमंत्री, एक के अलावा कोई नहीं पूरा कर सका पांच साल का कार्यकाल
रांची : राजनीतिक अस्थिरता झारखंड की सियासत का मुकद्दर बन गई है। प्रदेश की सियासी स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां 23 साल में 13 मुख्यमंत्री बन गए है। इंडिया गठबंधन की वर्तमान सरकार में जहां एक मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा कर सकता था। राजनीतिक हालात ऐसे बने कि जेल जाने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गद्दी छोड़नी पड़ी और इसके बाद तत्कालीन परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को सीएम बनना पड़ा। अब जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ गए हैं तो फिर सरकार में फेरबदल हुआ है और चंपई सोरेन को सीएम की गद्दी से हटना पड़ा और हेमंत सोरेन ने फिर सरकार की कमान संभाली। झारखंड में वर्तमान इंडिया गठबंधन सरकार का कार्यकाल पांच जनवरी साल 2025 को पूरा होने जा रहा है। इस तरह, हेमंत सोरेन का ये कार्यकाल महज छह महीने का ही रहेगा।
152 दिन चली चंपई सोरेन की सरकार
हेमंत सोरेन इसी साल 31 मई को जेल भेजे गए थे। ईडी ने उन्हें सेना के कब्जे वाली जमीन को लेकर जेल भेजा था। हेमंत सोरेन के जेल जाते ही मुख्यमंत्री का पद चंपई सोरेन ने संभाल लिया था। चंपई सोरेन शिबू सोरेन को काफी विश्वास पात्र माने जाते हैं। चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की गद्दी इसीलिए सौंपी गई थी ताकि वक्त पड़ने पर वह इसे हेमंत सोरेन के लिए छोड़ दें। सूत्रों की मानें तो चंपई सोरेन को इस बारे में बता दिया गया था और वह इसे लेकर तैयार भी थे। सूत्रों की मानें तो चंपई सोरेन ने कहा था कि जैसे ही हेमंत बाबू बाहर आएंगे उन्हें दोबारा सीएम बना दिया जाएगा। इस तरह, चंपई सोरेन की सरकार सिर्फ 151 दिन चली। इस सरकार की उम्र के बारे में पहले से ही साफ था कि यह बेहद कम रहेगी।
सिर्फ रघुवर दास ने पूरा किया था पांच साल का कार्यकाल
झारखंड में एक मात्र मुख्यमंत्री रघुवरदास ही ऐसे रहे हैं जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने का रिकार्ड बनाया है। साल 2014 में रघुवर दास भाजपा की जीत के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए थे। वह पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री भी थे। रघुवर दास ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था और सरकार चलाई थी। उनके अलावा, झारखंड के जितने भी मुख्यमंत्री रहे हैं किसी का कार्यकाल पांच साल तक का नहीं रहा है। इंडिया गठबंधन की वर्तमान सरकार का कार्यकाल पांच साल पूरा हुआ है। मगर, इस सरकार में भी जो भी मुख्यमंत्री बने वह पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। हेमंत सोरेन का कार्यकाल साल 2019 में शुरू हुआ था मगर, इस साल जनवरी में उनके जेल जाने के बाद खत्म हो गया था। चंपई भी 151 दिन तक ही मुख्यमंत्री रहे।
झारखंड में मुख्यमंत्री का औसत कार्यकाल डेढ़ साल का
झारखंड में सीएम का औसत कार्यकाल डेढ़ साल का है। झारखंड में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था। बाबूलाल मरांडी, मधु कोड़ा, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन बारी बारी से मुख्यमंत्री बने मगर, उनका कार्यकाल पांच साल का नहीं रहा। इन सभी का कार्यकाल औसतन डेढ़ साल का ही रहा है। झारखंड राज्य बनने के बाद पहले सीएम बाबूलाल मरांडी बने थे। उनका कार्यकाल दो साल तीन महीने का रहा था। अर्जुन मुंडा तीन बार सीएम बने और वह भी कभी पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। शिबू सोरेन भी तीन बार सीएम बने। एक बार तो वह सिर्फ 10 दिन के लिए सीएम बने थे और 10 दिन के बाद उनकी गद्दी छिन गई थी।