रांची : भाजपा नवरात्रि के दौरान झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने का दावा कर रही है। इसके लिए एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा का दौर तेज हो गया है। भाजपा एनडीए के घटक दलों आजसू, जदयू, लोजपा आदि से अलग-अलग वार्ता कर रही है। दिल्ली में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान झारखंड के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है। नवरात्रि से पहले भाजपा और उसके अन्य घटक दलों के बीच सीटों का फार्मूला तय कर लिया जाएगा।
12 सीटों पर है आजसू का दावा
बताया जा रहा है कि आजसू ने 10 से लेकर 12 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है। जबकि, भाजपा आजसू को अधिकतम 8 सीटें देने को तैयार है। मगर, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस बार अधिक सीटें चाहिए। इसके अलावा दोनों दलों के बीच 7 सीटों पर पेच है। यह वह सीटें हैं जिन पर दोनों दल दावा कर रहे हैं।
इन सीटों पर दावा कर रहे दोनों दल
इन सीटों में घाटशिला, जुगसलाई, तमाड़, ईचागढ़, लोहरदगा, टुंडी और चंदनक्यारी हैं। इनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं जिनमें पार्टी का कोई खास असर नहीं होता मगर, वह दूसरे दल पर दबाव बनाने के लिए उस सीट पर दावा ठोक देती है। ताकि, उस सीट की वजह से दोनों दलों के बीच सौदेबाजी हो सके। भाजपा और आजसू के बीच सीटों के बंटवारे पर सौदेबाजी चल रही है। माना जा रहा है कि दुर्गा पूजा के पहले ही दोनों दल एक समझौते पर पहुंच जाएंगे।
साल 2019 में टूट गया था गठबंधन
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था। लोहरदगा की सीट के पेच के चलते ऐसा हुआ था। लोहरदगा से आजसू अपने सीटिंग एमएलए रहे कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत को लड़ाना चाहती थी। जबकि, कांग्रेस के सुखदेव भगत भाजपा में आ गए थे। भाजपा उन्हें लोहरदगा से टिकट देने का वादा देकर लाई थी। इसलिए, तत्कालीन रघुवर दास आजसू को लोहरदगा सीट देने के लिए तैयार नहीं हुए और दोनों दलों के बीच गठबंधन ही टूट गया था।