कैबिनेट मीटिंग में हो सकता है अध्यक्ष का फैसला, अध्यक्ष नहीं होने से अटकी हैं परीक्षाएं
हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी अब तक झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन यानि जेपीएससी का अध्यक्ष पद भरा नहीं जा सका है। यह पद बाईस अगस्त से खाली है। सरकार पर जेपीएससी के अध्यक्ष पद को भरने का दबाव है। मगर, सरकार अब तक यह पद भर नहीं पाई है। छात्र इस पद को भरे जाने की मांग को लेकर रोज सीएम आवास और मंत्री आवास के चक्कर काट रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चला रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि इस पद पर किसकी नियुक्ति होने जा रही है। कौन बनेगा जेपीएससी का नया अध्यक्ष। हम यह भी बताएंगे कि जेपीएससी के अध्यक्ष पद पर किसकी होगी नियुक्ति।
सरकारी नौकरी के पद भरने के लिए जेपीएससी और जेएसएससी यानि झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन नामक संस्था है। जेएसएससी जो परीक्षा करा रही है उस पर विवाद हो जाता है। जेपीएससी का अध्यक्ष पद खाली रहने से कई परीक्षाएं लटकी हुई हैं। इससे सरकार भी परेशान है। जेपीएससी के अध्यक्ष पद से बाईस अगस्त को नीलिमा केरकेट्टा रिटायर हुई थीं। तब उन्होंने खुद पर सरकार का दबाव होने का बयान देकर मामले को सनसनीखेज बना दिया था। इसके बाद से ही यह पद खाली है। सरकार को अब तक इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिला है। नीलिमा केरकेट्टा के बयान के बाद सरकार फूंक कर कदम रखना चाहती है। वह ऐसे अधिकारी को इस पद पर बैठाना चाहती है जो पूरी तरह निष्पक्ष हो। विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह इस पद को अविलंब भरे। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद जेपीएससी के अध्यक्ष पद पर बैठाने के लिए योग्य अधिकारी की तलाश कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने जब से इस पद को फौरन भरने का निर्देश दिया है तब से उनकी तलाश तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो अध्यक्ष पद के लिए एक योग्य अधिकारी को चुन भी लिया गया है। जल्द ही इस अधिकारी की जेपीएससी के पद पर तैनाती की जा सकती है।
अध्यक्ष नहीं होने से अटका है सिविल सर्विसेज का परिणाम
जेपीएससी सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा हो चुकी है। मगर, जेपीएससी का अध्यक्ष नहीं होने की वजह से इस परीक्षा का परिणाम लटका हुआ है। इस वजह से परीक्षार्थी परेशान हैं। उनका कहना है कि वह इस रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सीडीपीओ की परीक्षा भी नहीं हो पा रही है। इसके अलावा, दर्जन भर अन्य परीक्षाएं भी बाधित हैं। इनके संपन्न कराने की प्रक्रिया ठप है। यह समझ लीजिए कि जेपीएससी का अध्यक्ष नहीं होने की वजह से इसके सारे काम ठप पडे हुए हैं। छात्रों की उम्र लगातार बढ रही है। ऐसे छात्र टेंशन में हैं। छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि जेपीएससी का अध्यक्ष जल्द घोषित करना चाहिए। क्योंकि, यह रोजगार से जुडा मामला है।
अब तक जारी नहीं हो सका परीक्षाओं का कैलेंडर
सरकार ने कहा था कि जेपीएससी की परीक्षाओं का कैलेंडर एक जनवरी से पहले जारी कर दिया जाएगा। मगर, जनवरी आने में हफ्ता भर बाकी है। अब तक कैलेंडर को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। कहा जा रहा है कि अध्यक्ष पद भरे जाने के बाद ही परीक्षा का कैलेंडर जारी हो सकेगा। दूसरी तरफ, छात्र जेपीएससी का अध्यक्ष पद भरे जाने की मांग को लेकर आंदोलन के मूड में आ गए हैं। छात्र सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं कि जेपीएससी के अध्यक्ष का पद फौरन भरा जाए। छात्रों का कहना है कि वह पहले भर्ती निकालने के लिए आंदोलन करते हैं। फिर परीक्षा संपन्न कराने को लेकर आंदोलन करते हैं। इसके बाद परीक्षा में धांधली हो जाती है। धांधली ठीक कराने के लिए आंदोलन करना पडता है। तब रिजल्ट जारी कराने के लिए आंदोलन करना पडता है। छात्र पहले परीक्षा की तैयारी करते हैं और उसके बाद इतने सारे आंदोलन करने पडते हैं। यह झारखंड में छात्रों की एक बडी परेशानी बन गई है।