चाईबासा : झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की जोड़तोड़ की राजनीति शुरू है। सिंहभूम संसदीय सीट के तहत आने वाली मझगांव सीट पर भी सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पिछले दो चुनावों से इस सीट पर झामुमो का कब्जा है। यहां से भाजपा भी पहले कई बार जीत का परचम लहरा चुकी है। मगर, पिछले दो चुनाव में उसके उम्मीदवारों को मुंह की खानी पड़ी है। इस वजह से इस बार भाजपा इस सीट पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इस बार यहां से झामुमो के निरल पूर्ति जहां हैट्रिक लगाने की जुगत में हैं। तो वहीं, भाजपा उनकी हैट्रिक का रथ रोकने के लिए जोड़तोड़ में जुटी है। भाजपा यहां से दमदार उम्मीदवार की तलाश में है। पूर्व सीएम मधुकोड़ा भी अब भाजपा में आ गए हैं। कोयला घोटाले में सजायाफ्ता मधु कोड़ा चुनाव तो नहीं लड़ सकते मगर, वह पार्टी को संजीवनी देंगे। भाजपा का यह मानना है।
विपक्षी नेताओं को तोड़ने में जुटी है बीजेपी
भाजपा यहां अपना परचम लहराने के लिए जोड़तोड़ की सियासत में जुटी हुई है। इसी कड़ी में सिंहभूम की पूर्व सांसद गीता कोड़ा और उनके पति पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भाजपा में लाया गया। मगर, लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा भाजपा के टिकट पर चुनाव हार गईं। इससे चाईबासा जिले की विधानसभा सीटों पर भाजपा की आस कमजोर पड़ी है। इसके बाद झामुमो से तोड़ कर चंपई सोरेन को लाया गया है। अब भाजपा चंपई सोरेन के सहारे इस सीट पर चुनावी नैया पार लगाने की जुगत लगा रही है।
बड़कुंवर का टिकट कटने से भाजपा को नुकसान
इस सीट से भाजपा के बड़कुंवर गागराई चुनावी जीत का बिगुल बजाते रहे हैं। यहां से एक बार झामुमो जीतती थी तो अगले चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार विधायक बनता था। इस तरह, बारी बारी से झामुमो व भाजपा के उम्मीदवार यहां से जीत दर्ज करते थे। इस तरह, साल 2014 में झामुमो की बारी थी और निरल पूर्ति यहां से जीत कर विधानसभा में पहुंचे थे। साल 2019 में यहां से भाजपा के बड़कुंवार गागराई को जीत की उम्मीद थी। मगर, पूर्व सीएम रघुवरदास ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के खासमखास माने जाने वाले बड़कुंवार गागराई का टिकट ही काट दिया गया। यहां से भाजपा ने भूपेंद्र पिंगुवा को टिकट दिया जो 47 हजार 152 वोट से बुरी तरह चुनाव हार गए।
भाजपा से कई उम्मीदवार कतार में
अब इस सीट पर भाजपा टिकट को लेकर खूब मंथन कर रही है। साल 2014 के चुनाव में बड़कुंवार गागराई तीसरे नंबर पर थे। उन्हें सिर्फ 28 हजार 969 मत मिले थे। इस सीट पर झामुमो के निरल पूर्ति ने जीत दर्ज की थी। मगर, मधु कोड़ा 34 हजार 90 मत पा कर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस सीट पर मधु कोड़ा का अपना सियासी नेटवर्क है। इसलिए, भाजपा में इस बार मंथन चल रहा है कि मझगांव से मधुकोड़ा के करीबी को टिकट दिया जाए। इसके अलावा, बड़कुंवार गागराई को टिकट दिलाने के लिए अर्जुन मुंडा जोर लगाए हुए हैं। चाईबासा विधानसभा सीट से दो बार चुनाव हार चुके भाजपा नेता जेबी तुबिद का घर मझगांव है। कहा जा रहा है कि जेबी तुबिद को मझगांव से चुनाव लड़ाया जाए। अब देखना है कि यहां से भाजपा किसे टिकट देती है।
मझगांव विधानसभा सीट
2000- भाजपा के बड़कुंवर गागराई
2005- झामुमो के निरल पूर्ति
2009- भाजपा के बड़कुंवार गागराई
2014-झामुमो के निरल पूर्ति
2019- झामुमो के निरल पूर्ति