केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने के मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उगला सच, जानें क्या कहा
देहरादून: केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब होने के मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सब कुछ सच-सच बता दिया है। पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि केदारनाथ धाम में सोना गायब होने की ऐसी कोई घटना ही नहीं घटी। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वर आनंद ने जो आरोप लगाया है वह पूरी तरह से वह बेबुनियाद है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ धाम में उतना सोना आया ही नहीं होगा, जितने सोने के गायब होने का शंकराचार्य आरोप लगा रहे हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के केदारनाथ धाम से सोना चोरी होने का आरोप लगाने के 5 दिन बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह जवाब आया है। उन्होंने सारे आरोपों को तथ्यों से परे बताया। सीएम का कहना है कि जब से मंदिर का निर्माण हुआ और फिर नवनिर्माण किया गया, तब से इतना सोना अभी तक मंदिर में आया भी नहीं होगा। उन्होंने एक आकलन देते हुए बताया कि इसका चौथाई हिस्सा ही आज तक मंदिर में आया होगा।
केदारनाथ धाम में कोई ऐसा कृत्य होगा तो बाबा सजा देंगे
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मंदिर समिति के साधु संतों ने पहले ही इस आरोप को बेबुनियाद बता दिया है। पुष्कर सिंह धामी ने तर्क दिया कि अगर मंदिर से कोई इतना सोना चोरी करने का कृत्य करेगा तो क्या वह बाबा की नजरों से बच सकता है। बाबा केदारनाथ उसको खुद ही सजा दे देंगे।
अनंत अंबानी की शादी के मौके पर लगाया था आरोप
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद अनंत अंबानी की शादी में शामिल होने मुंबई गए थे। वहां से वह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे थे। यहीं उन्होंने आरोप लगाया था की केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाने के साथ ही पूरे मामले की जांच की मांग भी की थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है। इस घोटाले को मुद्दा बनाया जाना चाहिए।
दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से नहीं बन सकता मंदिर
उन्होंने यह भी कहा था कि अब दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाया जाएगा और फिर एक घोटाला होगा। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि 12 ज्योतिर्लिंग हिंदू धर्म में निर्धारित हैं। इन सभी का स्थान तय है। उनके स्थान से अलग कोई धाम बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर केदारनाथ धाम के नाम से दिल्ली में मंदिर बनाने की जरूरत क्यों पड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह केदारनाथ धाम की गरिमा और महत्व को कम करने की कोशिश है।
किसी अन्य नाम से बना सकते हैं मंदिर
शंकराचार्य ने कहा कि मध्य हिमालय स्थित केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसको पुराण में हिमालय तू केदारम कहा गया है। केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग सतयुग का ज्योतिर्लिंग है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ से हटकर कहीं और इस नाम का मंदिर बनाने की किसी योजना को वह सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम नाम के मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और विधायकों का उपस्थित रहना उचित नहीं है। उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि अगर कोई मंदिर बनाना ही चाहता है तो वह किसी और नाम से यह मंदिर बनाए। केदारनाथ धाम नाम से मंदिर की स्थापना नहीं हो सकती।