जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, 4-5 चरणों में मतदान, सुरक्षा समीक्षा के बाद तय होगा कार्यक्रम, जाने पूरा प्लान
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज हो गई है। भारत के चुनाव आयोग विभिन्न समय-निर्धारण विकल्पों पर विचार कर रहा है, और संभावना है कि चुनाव उत्तर कश्मीर से शुरू हो सकते हैं। चुनाव आयोग के पास एक दूसरा विकल्प भी है, इसमें उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर के निर्वाचन क्षेत्रों में प्रारंभिक चरणों में मतदान कराया जाएगा और बाद में मध्य कश्मीर और जम्मू में चुनाव होंगे। मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
4-5 चरणों में हो सकते हैं मतदान
मिली जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 4-5 चरणों में कराए जा सकते हैं। पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने चुनाव आयोग को चरणबद्ध चुनाव कराने के विकल्पों के बारे में जानकारी दी। 2014 में आखिरी विधानसभा चुनाव पांच चरणों में हुए थे। चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने 8-10 अगस्त तक श्रीनगर और जम्मू का दौरा कर चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया है।
अंतिम फैसला सुरक्षा समीक्षा के बाद
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों पर अंतिम फैसला इस सप्ताह के अंत में गृह मंत्रालय के साथ सुरक्षा समीक्षा के बाद लिया जाएगा। सभी राजनीतिक दल जल्दी चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार भी तैयार है। हाल ही में हुए आतंकी हमलों के चलते चुनाव आयोग ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। आयोग का कहना है कि उत्तरी कश्मीर के जिलों और संवेदनशील इलाकों में पहले और दूसरे चरण में चुनाव कराना बेहतर होगा। उत्तरी कश्मीर में अनंतनाग, बारामुला, बुडगाम, बांदीपोर, गांदरबल, कुपवाड़ा, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां और श्रीनगर जिले शामिल हैं, जबकि दक्षिण कश्मीर में कठुआ, सांबा, रियासी, जम्मू, उधमपुर जैसे जिले हैं।
उत्तरी कश्मीर में पहले चरण में मतदान की योजना
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए उत्तरी कश्मीर में अक्टूबर से पहले चुनाव कराने की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि उस समय तक वहां भारी बर्फबारी की संभावना है। राजनीतिक दलों ने प्रवासी गुर्जर और बकरवाल मतदाताओं के लिए चुनाव कैलेंडर को अंत में रखने की मांग की है, ताकि वे मौसमी पलायन के बाद वोट देने के लिए लौट सकें। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है और विशेष रूप से चुनाव की घोषणा से दो हफ्ते पहले पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
प्रत्याशियों कि अतिरिक्त सुरक्षा की तैयारी
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को अतिरिक्त सुरक्षा कवर की आवश्यकता होगी। अनुमान है कि चुनाव के दौरान 600 से अधिक कंपनियों की अर्धसैनिक बल की तैनाती की जाएगी। मौजूदा सुरक्षा दल, जो अमरनाथ यात्रा के कारण पहले से ही बढ़ा हुआ है, को चुनाव से पहले बनाए रखने पर भी विचार किया जा रहा है। इन बलों के पास जमीनी स्थिति का अच्छा आकलन और समझ है, जो चुनावी सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेगी।