बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन, घर पर ही चल रहा था इलाज
कोलकाता: बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री का गुरुवार सुबह 8.20 बजे निधन हो गया। वह कई साल से बीमार चल रहे थे। उन्हें सांस लेने कि समस्या थी। इस कारण से उन्हें जुलाई में अस्पताल ले जाया गया था। उन्हें सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) थी। इसके अलावा बुढ़ापे से जुड़ी अन्य बीमारियां भी थी। अस्पताल से आने के बाद उनका इलाज उनके कोलकाता स्तिथ घर पर ही चल रहा था।
बिमारी के कारण वह अपने घर पर ही रहते थे।साल 2015 में बुद्धदेव ने सीपीआई (एम) के केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो से रिजाइन दे दिया था। यही नहीं साल 2018 में उन्होंने राज्य सचिवालय भी छोड़ दिया था।
जानें बुद्धदेव भट्टाचार्य कौन थे ?
बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में हुआ था। वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में 2000 से 2011 तक कार्यरत रहे। उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से बंगाली साहित्य में बीए (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की थी।
भट्टाचार्य ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) [सीपीआई (एम)] से की थी। सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य के रूप में भी सेवा दी। वे सीपीआई की युवा शाखा, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन के राज्य सचिव बने और इस संगठन के बाद में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया में विलय के समय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भट्टाचार्य के मुख्यमंत्री बनने के बाद पश्चिम बंगाल में उनके कार्यकाल को औद्योगिकीकरण और नीतिगत बदलावों के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई आर्थिक और सामाजिक सुधार देखे, हालांकि उनकी नीतियों पर विभिन्न दृष्टिकोण भी सामने आए।