लेबनान के स्वतंत्रता सेनानी संगठन हिज्बुल्लाह और इसराइल के बीच सीजफायर हो गया है। सीजफायर होने के बाद लेबनान में जश्न का माहौल है। हिज्बुल्लाह के फाइटर और आम जनता हिजबुल्लाह का झंडा लहराते हुए खुशी मना रहे हैं। दक्षिणी लेबनान को छोड़कर जाने वाले लोग हिज्बुल्लाह का झंडा लेकर वापस लौट रहे हैं। सभी के चेहरे पर खुशी का माहौल है। जबकि इसराइल में उत्तरी इसराइल के रहने वाले लोग सीजफायर को कटघरे में खड़ा करते हैं। लोगों का कहना है कि सीजफायर क्यों किया गया। शनिवार को बेरूत से सीधे टीवी के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए हिजबुल्लाह के चीफ नईम कासिम ने अपनी जीत का आधिकारिक एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह जीत ईश्वर की तरफ से आई है। बिना ईश्वर के वह यह जीत हासिल नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि इसराइल जब हिजबुल्लाह के हमलों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था तो नेतन्याहू ने अमरीका और फ्रांस से सीज फायर कराने की गुहार लगाई। शेख नईम कासिम ने कहा कि जब भी इसराइल लेबनान पर हमला करेगा तब हिजबुल्लाह लड़ाई के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इस बार की जंग में हिजबुल्लाह ने कई बड़ी कुर्बानियां दी हैं। इसराइल सोचता था कि वह कम समय में अपने उद्देश्य को हासिल कर लेगा। मगर, ऐसा नहीं हो सका। आखिरकार इसराइल को हार स्वीकार करनी पड़ी और तेल अबीब को बचाने के लिए सीज फायर करना पड़ा।
दूसरी तरफ, इस सीज फायर को लेकर इसराइल में नेतन्याहू पर सवाल उठाए ज रहे हैं।
गौरतलब है कि इसराइल का लेबनान पर हमला इसराइल के लिए काफी भारी पड़ा है। उसके 130 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। हिज्बुल्लाह ने इस युद्ध के दौरान 4635 ऑपरेशन किया। इन हमलों में 1250 इसराइली सैनिक घायल हुए हैं। 59 मर्कावा टैंक तबाह कर दिए गए। इसराइल घरों को गिराने के लिए बुलडोजर भी लेकर गया था। 11 मिलिट्री बुलडोजर तबाह किए गए हैं। जबकि दो हमर व्हीकल भी बर्बाद कर दी गई है। हिजबुल्लाह के चीफ नईम कासिम ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि उन्होंने इसराइल के 8 ड्रोन भी मार गिराए हैं। इनमें 6 हरमिस 450 ड्रोन और दो हरमिस 900 ड्रोन शामिल हैं। एक क्वॉर्डकॉप्टर भी मार गिराया गया।
लेबनान में जाने को तैयार नहीं हो रहे थे इसराइली सैनिक
इसराइल ने जब से लेबनान पर हमला किया तब से उसकी सेना में फौजियों की कमी हो गई थी। इसराइली सैनिकों ने लेबनान में लड़ने से इनकार कर दिया। इसराइल को लेबनान सीमा पर तैनात दो टुकड़ियों को वापस बुलाना पड़ा। तभी यह साफ हो गया था कि लेबनान पर हमले की इसराइल को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। इसराइल एक बार फिर लेबनान में परास्त होने जा रहा है। इसराइल इसके पहले साल 2000 और 2006 में हिज्बुल्लाह के हाथों परास्त हो चुका है।
रक्षा मंत्री योव गैलेंट का था लेबनान पर हमले का फैसला
सूत्रों का कहना है कि लेबनान पर हमले का फैसला रक्षा मंत्री योव गैलेंट का था। नेतन्याहू इतिहास से सबक लेते हुए लेबनान पर हमला करने के पक्ष में नहीं था। यही वजह है कि जब लेबनान में इसराइल को काफी नुकसान होना शुरू हुआ तो कई मीटिंग में नेतन्याहू और उनके रक्षा मंत्री योव गैलेंट के बीच तनातनी होना शुरू हो गई थी। योव गैलेंट ने इसराइली चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि उनके पास सैनिकों की कमी है। सरकार उन्हें सैनिक नहीं दे पा रही है। इसी के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री योव गैलेंट को उनके पद से हटा दिया था।
दूसरा रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था। नवनियुक्त रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने जिस दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हिजबुल्लाह हार गया है। उसी दिन ही हिज्बुल्लाह ने तेलअबीब पर मिसाइल की बरसात कर दी थी। तेलअबीब जल रहा था और नए रक्षा मंत्री पत्रकारों के सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे थे।
हिजबुल्लाह की शर्तों पर हुआ सीजफायर
सूत्र बताते हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका और फ्रांस से संपर्क साधा था। वह लेबनान के दलदल से निकलना चाहते थे। इसके बाद अमेरिका और फ्रांस के अधिकारियों ने लेबनान के अधिकारियों से मिलकर हिज्बुल्लाह को युद्ध विराम के लिए तैयार किया है। युद्ध विराम की पहले जो शर्तें रखी गई थीं उसमें हिज्बुल्लाह को निशस्त्र करने की बात थी। हिजबुल्लाह ने इस शर्त से इंकार कर दिया था। इसके बाद नेतन्याहू ने हिजबुल्ला की शर्त पर ही यह युद्ध विराम स्वीकार किया है। इसीलिए इसराइल में इस युद्ध विराम को अच्छी निगाह से नहीं देखा जा रहा। विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। उधर, युद्ध विराम खत्म होते ही दक्षिणी लेबनान में आम नागरिकों का वापस लौटना शुरू हो गया है। ईरान के सुप्रीम लीडर सैयद अली खामनाई का कहना है कि कोई भी देश बेकसूर महिलाओं और बच्चों की हत्या कर विजयी नहीं हो सकता।
अरेस्ट वारंट के बाद बंकर में है नेतन्याहू
गौरतलब है कि ग़ज़ा में लगभग 50 हजार बुजुर्गों महिलाओं और बच्चों की हत्या के बाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में नेतन्याहू के खिलाफ केस चला था। यह केस दक्षिण अफ्रीका ने दायर किया था। इस केस के बाद नेतन्याहू को युद्ध अपराधी घोषित किया गया है। उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया गया है। नेतन्याहू इस समय तेल अबीब के बंकर में हैं। 114 देश की पुलिस उसकी तलाश में है। नीदरलैंड, स्कॉटलैंड समेत कई देशों ने कहा है कि नेतन्याहू अगर उनके देश में आता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।