उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा संबंधी नियमों में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। हरिद्वार में होने वाले कांवड़ मेले के दौरान ठेला रेडी और ढाबे वालों को उनके व्यापार को संचालित करने के लिए निश्चित नियमों का पालन करना होगा। उन्हें अपना व्यवसायिक लाइसेंस और आधार कार्ड प्रदर्शित करने की अनिवार्यता है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि सभी ठेला रेडी और ढाबे वाले व्यापारी नियमों का पालन करें, जिससे इस विशाल मेले में आने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित रहे।
जिला प्रशासन की नई पहल
हरिद्वार के जिला प्रशासन ने इस पर गंभीरता से काम किया है। जिला अधिकारी ने नगर निगम को अद्यतित नियमों के साथ लाइसेंस प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत, ठेला रेडी और ढाबे लगाने वालों को अपने व्यवसाय की पहचान के रूप में नेमप्लेट लगाना भी आवश्यक होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे नियमों के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं और अवैध कारोबार से बचने के लिए।
सुधार का उद्देश्य
इस सुधार का मुख्य उद्देश्य है कि हर वर्ष बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से आने वाले कांवड़ियों को एक सुरक्षित और स्वच्छ मेला प्रदान किया जा सके। इसके अलावा, नगर निगम द्वारा व्यापारियों के लाइसेंस को अस्थायी रूप से जारी किया गया है ताकि उन्हें व्यावसायिक गतिविधियों के लिए सत्यापन और नियमों का पालन करने का अवसर मिल सके।
जनता को लाभ
इस नई पहल से प्रदेश की जनता को बहुत लाभ मिलेगा। व्यापारियों को स्थायी लाइसेंस प्राप्त करने से पहले सख्त जांच की जाएगी, जिससे लोगों के बीच विश्वास और निर्भरता में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरूप, लोग मिलावटी और अवैध कारोबार से बच सकेंगे।
इस नई व्यवस्था के तहत, कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में आने वाले कांवड़ियों को बेहतर सेवाएं और सुरक्षित वातावरण मिलेगा। प्रशासन के इन प्रयासों से व्यापारियों के बीच नियमों का पालन करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और कांवड़ मेले की गुणवत्ता में सुधार होगा।