यूके में लेबर पार्टी की धमाकेदार जीत, कीर स्टार्मर बने प्राइम मिनिस्टर, जानें यूके में गुरुवार को ही क्यों होती है वोटिंग
लंदन : यूके में चार जुलाई को हुई वोटिंग का रिजल्ट आ गया है। लेबर पार्टी ने इन आम चुनाव में धमाकेदार जीत हासिल की है। लेबर पार्टी को हाउस ऑफ कॉमंस की 650 सीटों में से 412 सीटें मिली हैं। इस तरह, लेबर पार्टी को इस चुनाव में प्रचंड बहुमत मिला है। निवर्तमान प्रधानमंत्री रिषि सुनक की कंजरवेटिव पार्टी को महज 121 सीटें ही मिल पाई हैं। इन चुनाव में लेबर पार्टी ने पिछले चुनाव की तुलना में 211 अधिक सीटें प्राप्त की हैं। जबकि, कंजरवेटिव पार्टी को पिछले चुनाव की तुलना में 250 सीटों का नुकसान हुआ है। लेबर पार्टी को इन आम चुनाव में 35 प्रतिशत वोट मिले हैं। जबकि, कंजरवेटिव पार्टी को महज 24 प्रतिशत वोट मिले हैं। लेबर पार्टी की जीत के बाद किंग चार्ल्स थर्ड ने लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर को प्राइमर मिनिस्टर नियुक्त कर दिया है। कीर स्टार्मर ने कहा है कि उन्होंने चुनाव के दौरान लोगों से यूके में परिवर्तन का जो वादा किया था वह निभाएंगे। उनके लिए देश पहली प्राथमिकता होगी। इसके बाद लेबर पार्टी का नंबर आएगा। हार के बाद रिषि सुनक अपने परिवार के साथ 10 डाउनिंग स्ट्रीट स्थित प्रधानमंत्री आवास से चले गए। यूके नवनियुक्त प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर अपनी पत्नी विक्टोरिया स्टार्मर के साथ पीएम आवास पर पहुंचे। गौरतलब है कि कंजरवेटिव पार्टी के लिए यह चुनाव काफी अहम था। इस चुनाव पर यूके की विदेश नीति का भी प्रभाव पड़ा। इसराइल गजा युद्ध में निभाई जा रही भूमिका से भी लोग कंजरवेटिव सरकार से नाराज थे।
गुरुवार को क्यों होती है यूके में वोटिंग
विशेषज्ञ यूके में गुरुवार को ही वोटिंग कराने के कई कारण गिनाते हैं। उनका कहना है कि गुरुवार को वोटिंग नियम नहीं बल्कि परंपरा है। यूके में शुक्रवार को आम तौर से सैलरी का दिन होता है। इसलिए अधिकतर लोग रेस्टोरेंट, पब आदि जगहों पर होते हैं। इसलिए अगर शुक्रवार को वोटिंग होगी तो कम लोग मतदान करने निकलेंगे। यही वजह है कि यहां गुरुवार को वोटिंग होती है। गुरुवार को वोटिंग का एक और कारण है कि रविवार को चर्च में स्पेशल प्रेयर होती है। ऐसे में कहा जाता है कि इस दिन वोटिंग होने से चर्च के पादरियों के उपदेश से वोटिंग प्रभावित हो सकती है। किसी उम्मीदवार को इसका फायदा हो सकता है तो किसी का नुकसान। माना जा रहा है कि इसीलिए रविवार को यहां वोटिंग नहीं रखी जाती। पुराने समय में यूके में गुरुवार को कई शहरों और गांवों में बाजार लगते थे। इसलिए, लोग इस दिन घर से बाजार जाने के लिए निकलते थे। इसीलिए इस दिन वोटिंग रखी जाती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग घर से बाहर होंगे और वोटिंग परसेंटेज बढ़ेगा। गुरुवार को वोटिंग की एक और वजह बताई जा रही है कि इस दिन वोटिंग के बाद रात भर वोटों की गिनती कर शुक्रवार को रिजल्ट आ जाता है। इसके बाद नई सरकार को प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल चुनने और पीएम को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में शिफ्ट होने के लिए वीकेंड मिल जाता है।