रांची : झारखंड की सियासत से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी साइड लाइन किए जा रहे हैं। पूर्व सीएम और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की प्रदेश की राजनीति में इंट्री होने जा रही है। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। झारखंड की राजनीतिक बिसात पर रघुवर को फिट करने कवायद शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इसीलिए ओडिशा के राज्यपाल रघुवरदास को दिल्ली बुलाया गया है। रघुवर दास जन्माष्टमी के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए जमशेदपुर में थे यहीं से वह सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि दिल्ली में रघुवर दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेश भाजपा में गुटबाजी खत्म कराने को लेकर रघुवर को दिल्ली बुलाया गया है।
राज्यपाल के पद से देंगे इस्तीफा
राजनीति में पल-पल हालात बदलते हैं। भाजपा ने झारखंड की सियासत के लिए जो प्लान बनाया है अगर वह ठीक-ठाक तरीके से धरातल पर उतरा तो रघुवर दास दोबारा झारखंड की राजनीति में उतर आएंगे। इसके पहले वह ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देंगे। इसकी तैयारी शुरू कर ली गई है। रघुवर दास के करीबी बताते हैं कि पहले से यह तय था कि झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले रघुवर दास को झारखंड की राजनीति में इंट्री कराई जाएगी। अब कहा जा रहा है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे देंगे।
बाबूलाल और अर्जुन मुंडा हाशिए पर
राजनीति के जानकारों का कहना है कि अर्जुन मुंडा और बाबूलाल झारखंड की राजनीति में अब हाशिए पर चले गए हैं। दिल्ली से प्रधानमंत्री कार्यालय ने बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा को भी दिल्ली बुलाया था। बाबूलाल मरांडी बाकायदा प्रधानमंत्री से मिले थे। सूत्रों की मानें तो उनसे कहा गया है कि पार्टी के दिग्गज नेता जो राजनीतिक खाका तैयार करते हैं, उस पर बाबूलाल मरांडी को अमल करना है। आपसी गुटबाजी को हवा नहीं देने की बात कही गई है। बताया जा रह है कि अर्जुन मुंडा को भी इसी तरह का निर्देश पार्टी आलाकमान से मिल चुका है। तभी बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा दोनों नेताओं ने एक्स पर पोस्ट कर चंपई सोरेन के भाजपा में आने का स्वागत किया थ।
पहले भी राजनीति में लौट चुके हैं चार राज्यपाल
पहले भी चार राज्यपाल अपने पद से इस्तीफा देकर सक्रिय सियासत में वापस आ चुके हैं। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल विद्यासागर राव ने गवर्नर के पद से इस्तीफा देकर सियासत में कदम रखा था। इसी तरह राम नाइक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए थे। अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद राम नाइक ने इस्तीफा दिया और राजनीति में वापस आ गए। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी और राजस्थान के पूर्व गवर्नर कल्याण सिंह भी राज्यपाल के अपने पदों को छोड़ने के बाद राजनीति में लौट गए थे।
खेमेबाजी खत्म करने की कवायद
सूत्रों का कहना है कि रघुवर दास को दिल्ली बुलाने का मकसद प्रदेश भाजपा में खेमेबाजी पर लगाम लगाना है। इसीलिए रघुवर दास से पहले बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा को भी दिल्ली बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि झारखंड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीधी नजर है। प्रधानमंत्री कार्यालय झारखंड की राजनीति की पल-पल निगरानी कर रहा है।