जमशेदपुर पूर्वी : भाजपा व कांग्रेस में टिकट के लिए महासंग्राम, जानिए क्या चमत्कार दिखाएंगे सरयू
जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में टिकट के लिए संग्राम मचा हुआ है। भाजपा में दर्जन भर से अधिक दावेदार सामने आ चुके हैं। क्रिकेटर सौरभ तिवारी के दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अटकल लगाई जा रही है कि वह यहां से भाजपा का चेहरा होंगे। कहा जा रहा है कि सौरभ तिवारी को आगे करने में रघुवर खेमा लगा हुआ है। कांग्रेस में भी टिकट को लेकर बड़े नेताओं में खींचतान मच गई है। अलबत्ता पूर्व सांसद डा. अजय मजबूत दावेदार बन कर उभरे हैं। वर्तमान विधायक सरयू राय की सियासी सेटिंग का ऊंट किस करवट बैठैगा इसे लेकर चर्चा का दौर चल रहा है।
आखिर किस पर दांव लगाएगी बीजेपी
भाजपा का गढ़ रही जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर अभी भाजमो के सरयू राय काबिज हैं। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में भाजपा के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को 15 हजार 833 मतों से हराया था। इसके बाद पार्टी ने अक्टूबर 2023 में रघुवर दास को ओडिशा भेज दिया। रघुवर दास को भाजपा इस सीट को सरयू राय से छीनने के लिए हाथ पैर मार रही है। इसके लिए उसे एक जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है। माना जा रहा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस सीट पर लगातार पांच साल जीत का रिकार्ड बनाने वाले रघुवर दास को वापस लाने की नहीं सोच रहा है। भाजपा को यहां एक नए उम्मीदवार की तलाश है जो इस सीट पर सरयू राय को हरा सके। इसके लिए क्रिकेटर सौरभ तिवारी भी चर्चा में हैं। कुछ दिन पहले सौरभ तिवारी दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल भी चुके हैं। इसीलिए, इस चर्चा को बल मिल रहा है कि सौरभ यहां से भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं। पार्टी इस चुनाव में सौरभ की साफ-सुथरी छवि और उनकी लोकप्रियता का फायदा उठा सकती है। इसके अलावा, भाजपा नेता रामबाबू तिवारी की भी चर्चा हो रही है।
शिव शंकर सिंह है बेदाग चेहरा
सामाजिक कार्य कर अपना ग्राफ बढ़ाने में लगे भाजपा नेता शिवशंकर सिंह भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। शिवशंकर सिंह का साफ-सुथरा रजनीतिक करियर उन्हें बाकी संभावित उम्मीदवारों से अलग करता है। वह बेदाग चेहरा हैं और अंदरूनी गुटबाजी से दूर हैं। शिवशंकर सिंह को इसका लाभ मिल सकता है। भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रह चुके सामाजिक कार्यकर्ता अमरप्रीत सिंह काले भी भाजपा की उम्मीदवारी की लाइन में हैं। इसके अलावा, ओडिशा के राज्यपाल पूर्व सीएम रघुवर दास की बहू भी चर्चा में हैं। माना जा रहा है कि रघुवर दास इस बात को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं कि यहां से उन्हें या उनके परिवार से किसी को टिकट मिले। भाजपा नेता अभय सिंह भी जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ते रहे हैं। हालांकि, अभी वह राजनीतिक हाशिए पर चल रहे हैं। मगर, टिकट के दावेदारों में वह भी शामिल हैं। वैसे, राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि अभय सिंह जमशेदपुर पूर्वी से कई बार चुनाव हार कर इस सीट से उकता चुके हैं।अब उनकी निगाह जमशेदपुर पश्चिम पर है।
मालिकाना के मुद्दे से घबरा रहे सरयू
वर्तमान विधायक भाजमो नेता सरयू राय ने साल विधानसभा चुनाव 2019 में मालिकाना हक के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। वह मालिकाना हक नहीं दिला पाए हैं। कहा जा रहा है कि इसके लिए उनकी तरफ से कोई खास कोशिश भी नहीं हुई। जमशेदपुर पूर्वी में अब यह मुद्दा फिर उभर रहा है। मालिकाना हक को लेकर आवाज उठने लगी है। साल 2019 में रघुवर के जो साथी सरयू के साथ आ गए थे उनसे भी अब सरयू का मनमुटाव हो गया है। ओडिशा के राज्यपाल के पद पर बैठे रघुवर दास भी सरयू से बदला लेने को तैयार बैठे हैं। ऐसे में यहां सरयू राय के खिलाफ माहौल बन रहा है। राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय इस स्थिति से निपटने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं। वह जदयू का सहारा लेना चाहते हैं। इसके लिए सरयू ने पटना जाकर नीतिश कुमार से बात भी की थी। एक्स पर नीतिश कुमार के साथ अपनी तस्वीर डालते हुए सरयू ने लिखा था जदयू से बात हो गई है। साथ चुनाव लड़ेंगे। मगर, इसके बाद ही जदयू के बड़े नेता खीरू महतो का बयान आ गया कि सरयू राय जदयू में आ जाएं। सब ठीक हो जाएगा। तब से राजनीतिक अटकलबाजी का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि क्या अपनी सीट बचाने के लिए सरयू राय अपनी पार्टी का जदयू में विलय कर लेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरयू राय चमत्कार दिखाने में माहिर हैं। कब क्या होगा कहना मुश्किल है।
कांग्रेस में टिकट को लेकर कई नेताओं में खटपट
कांग्रेस में टिकट को लेकर कई नेताओं में खटपट शुरू हो गई है। पूर्व सांसद डा. अजय भी दावेदार हैं। वह टिकट के लिए दिल्ली तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं। कहा जा रहा है कि डा. अजय का टिकट पक्का है। मगर, इसके साथ ही कांग्रेस में अंतर्कलह भी जोरों पर है। माना जा रहा है कि यह अंतर्कलह कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए खतरनाक साबित होगी। यहां अंदरखाने कई नेता टिकट हासिल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। इनमें आनंद बिहारी दुबे भी शामिल हैं। आनंद बिहारी दुबे पहले भी इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। कहा जा रहा है कि अगर इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला तो उनका राजनीतिक करियर दांव पर रहेगा। यही नहीं, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष विजय खां भी जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस में टिकट को लेकर दावेदारों के बीच खींचतान बढ़ी तो चुनाव के दौरान भितरघात का भी अंदेशा रहेगा।
जमशेदपुर पूर्वी में कुल वोटरों की संख्या- 3 लाख 30 हजार 253
जमशेदपुर पूर्वी कब कौन जीता
-साल 1967 के चुनाव में कांग्रेस के एमजे अखौरी बने विधायक
– साल 1969 के चुनाव में भाकपा के केदार दास बने विधायक
– साल 1972 के चुनाव में भाकपा के केदार दास फिर बने विधायक
– साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के दीनानाथ पांडेये जीते
– साल 1980 के चुनाव में दीनानाथ पांडेय ने भाजपा के टिकट पर दर्ज की जीत
– साल 1985 के चुनाव में कांग्रेस के दारयुस नरीमने ने जीता चुनाव
– साल 1990 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर दीनानाथ पांडेय ने जीता चुनाव
– साल 1995 के चुनाव में भाजपा के रघुवर दास बने विधायक
– साल 2000 के चुनाव में भाजपा के रघुवर दास बने विधायक
– साल 2005 में भाजपा के रघुवर दास बने विधायक
– साल 2009 के चुनाव में भाजपा के रघुवर दास बने विधायक
-साल 2009 में भाजपा के रघुवर दास बने विधायक
-साल 2014 में भाजपा के रघुवर दास बने विधायक
– साल 2019 में निर्दलीय सरयू राय बने विधायक