बांग्लादेश से निकले 8000 भारतीय, अभी भी फंसे हुए हैं 12 000 लोग
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हालात की गंभीरता को देखते हुए मोदी सरकार ने सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल और उसके प्रभावों पर चर्चा की गई, और भारत की संभावित रणनीतियों पर विचार किया गया। बैठक में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में जारी तख्तापलट और हिंसा के बीच लगभग 8000 भारतीय नागरिक देश लौट चुके हैं, जबकि 12,000 भारतीय नागरिक अभी भी बांग्लादेश में मौजूद हैं।
सीमा पर बनी हुई है शांति
एस जयशंकर ने कहा कि बॉर्डर पर स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है और भारत की सुरक्षा एजेंसियां लगातार निगरानी रख रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश में स्थिति अभी भी खराब है। जैसे-जैसे घटनाक्रम बदलते हैं, सरकार द्वारा जानकारी साझा की जाएगी।
मीटिंग के दौरान बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में भारत विरोधी भावना देखी गई है। लेकिन विदेश मंत्री ने आश्वस्त किया कि भारत किसी भी नई सरकार के साथ संवाद स्थापित करेगा।
राहुल ने लांग टर्म स्ट्रेटेजी पर दिया जोर
राहुल गांधी ने बैठक में मीडियम और लॉन्ग टर्म स्ट्रेटजी की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि बांग्लादेश जैसी घटनाओं का भविष्य में प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके। विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सरकार के साथ इस मुद्दे पर सहयोग की बात की।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि भारत बांग्लादेश की सेना के संपर्क में है और बॉर्डर पर सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है। सरकार द्वारा आगे के विकास और स्थिति पर अपडेट प्रदान किया जाएगा।
राहुल गांधी ने बाहरी हाथ की संभावना पर उठाया सवाल
सर्वदलीय बैठक के दौरान, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बांग्लादेश में जारी हिंसा के पीछे किसी बाहरी हाथ की संभावना पर सवाल उठाया।
पाकिस्तानी जनरल ने हिंसा का किया था समर्थन
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप की बात करना फिलहाल जल्दबाजी होगी। हालांकि, एक पाकिस्तानी जनरल ने सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में हो रही हिंसा का समर्थन किया था, लेकिन इस मामले में अभी कुछ भी निश्चित नहीं है।
एडवायजरी के लौट रहे भारतीय
बांग्लादेश में हालात बिगड़ने के बाद भारत सरकार ने एक एडवायजरी जारी की थी। इसके बाद बांग्लादेश में मौजूद 20 हजार भारतीयों में से 8 हजार छात्र भारत लौट आए हैं। वर्तमान में, बांग्लादेश में 12 हजार भारतीय नागरिक अब भी मौजूद हैं। सर्वदलीय मीटिंग में यह भी कहा गया कि शेख हसीना को फिलहाल थोड़ा और समय व स्पेस देना चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह आगे क्या कदम उठाना चाहती हैं।
हसीना के इस्तीफे पर अड़े थे आंदोलनकारी
बांग्लादेश में छात्र रिजर्वेशन के विरोध में जारी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान, शेख हसीना सरकार ने प्रदर्शनकारियों की मांगें मान ली थीं। इसके बावजूद, आंदोलनकारी ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग जारी रखी। बढ़ती हिंसा के कारण शेख हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत के हिंडन एयरबेस पर पहुंच गईं। वर्तमान में, उन्हें एक सुरक्षित आवास में रखा गया है।