बांग्लादेश में अवैध व पुलिस से लूटे गए हथियार एक हफ्ते में जमा करने का आदेश, जानें तलाशी अभियान में पकड़े गए तो क्या होगा
ढ़ाका : बांग्लादेश में हालात पर काबू करने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। गृह मंत्रालय ने सभी को आदेश दिया है कि वह एक हफ्ते के अंदर 19 अगस्त तक अवैध व पुलिस से लूटे गए हथियार नजदीक के पुलिस स्टेशन में जमा कर दें। गृह मंत्रलाय ने सेना और पुलिस को आदेश जारी किया है कि 19 अगस्त के बाद बड़े पैमाने में तलाशी अभियान चलाया जाए। तलाशी अभियान के दौरान जिन घरों में अवैध हथियार या पुलिस से लूटे गए हथियार पाए जाएंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्री सखावत हुसैन ने दिए आदेश
बांग्लादेश के गृह मंत्री रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन ने ढ़ाका के कंबाइंड मिलिट्री हॉस्पिटल में एक प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी देते हुए बताया कि तलाशी अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा। इस दौरान जिसके पास हथियार पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्री आंदोलन के दौर घायल हुए लोगों को देखने अस्पताल गए थे। तभी उन्होंने पत्रकारों से बात की। गौरतलब है कि नौकरी में रिजर्वेशन कोटा का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने बर्बरता की थी। इस आंदोलन में 500 से अधिक लोग मारे गए हैं। इसमें अधिकतर छात्र हैं।
वीडियो में एक युवा राइफल लिए दिखा
गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में एक युवा एक 7.62 एमएम राइफल के साथ दिखा है। इसका मतलब है कि अभी पुलिस से लूटी गई राइफलें यूथ के पास हैं। इसे अभी लौटाया नहीं गया है। गृह मंत्री ने कहा कि अगर जनता के पास अवैध व पुलिस से लूटी गई राइफलें होंगी तो देश में शांति स्थापित करना मुश्किल होगा। इसलिए, सभी को चाहिए कि वह अवैध हथियार वापस कर दें।
तो किसी अन्य के जरिए जमा कर दें
बांग्लादेश के गृहमंत्री ने कहा है कि अगर कोई युवा इस बात को लेकर डर रहा है कि वह अवैध हथियार जमा करने पुलिस स्टेशन जाएगा तो वहां उसे गिरफ्तार किया जा सकता है तो वह खुद हथियार लेकर वहां नहीं जाए। वह किसी दूसरे को भेज दे। उन्होंने कहा क आंदोलन के दौरान अंसार सदस्यों पर फायरिंग करने वाले युवाओं की तलाश जारी है। इस संबंध में जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
मीडिया आउटलेट को बंद करने के बयान पर मांगी माफी
गृह मंत्री ने रविवार को दिए अपने उस बयान पर माफी मांग ली है जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसे मीडिया संस्थानों को बंद कर दिया जाए जो झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने गुस्से में आकर यह बयान दिया था। मीडिया संस्थानों को बंद कराना उनका काम नहीं है।