बांग्लादेश की पूर्व पीएम बेगम खालिदा जिया रिहा, संसद भंग, जानें क्या पड़ सकता है भारत पर असर
नई दिल्ली : बांग्लादेश में सियासी घटनाक्रम लगातार बदल रहा है। बांग्लादेश की पूर्व पीएम बेगम खालिदा जिया को मंगलवार को रिहा कर दिया गया है। आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए छात्र नेताओं को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने सेना के अधिकारियों, छात्र नेताओं और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेताओं के साथ मीटिंग करने के बाद संसद को भंग कर दिया है। माना जा रहा है कि अब संसद को भंग किए जाने से अंतरिम सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि वह बांग्लादेश की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार में शामिल हो सकती है भारत विरोधी पार्टियां
बांग्लादेश में जो घटनाएं घट रही हैं वह भारत के लिए चिंता जनक हैं। शेख हसीना की सरकार भारत के लिए अच्छी सरकार थी। शेख हसीना की सरकार में ही पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय उग्रवादियों के ठिकाने बांग्लादेश से खत्म किए गए थे। रिटायर्ड ब्रिगेडियर रंजीत बोर ठाकुर बताते हैं कि भारत के बांग्लादेश के साथ मित्रवत संबंध हैं। मगर, अब जो अंतरिम सरकार बन रही है उसमें भारत विरोधी पार्टियां बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात ए इस्लामी शामिल हो सकती है। ऐसा हुआ तो भारत के लिए स्थिति चिंताजनक हो जाएगी। वह बताते हैं कि जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के साथ ही असम, मेघालय और त्रिपुरा से सटे सीमावर्ती इलाकों में कट्टरपंथी धार्मिक गतिविधियों को सपोर्ट करती है।
देश में बढ़ सकती है शरणार्थी की समस्या
रिटायर्ड ब्रिगेडियर रंजीत बोरठाकुर बताते हैं कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हुए तो वह सीमा पार कर भारत में आ सकते हैं। इस तरह, भारत के सामने एक समस्या खड़ी हो जाएगी। बांग्लादेश की इस घटना में चीन और पाकिस्तान का प्रभाव भी देखने की जरूरत है। हमें यह देखना होगा कि कहीं इस घटना के पीछे किसी विदेशी ताकत का हाथ तो नहीं है। ऐसा है तो हमें फौरन अलर्ट होना होगा।