ईरान ने मंगलवार की रात इसराइल पर बड़ा हमला किया है। इस हमले का नाम ट्रु प्रामिज सेकेंड था। इस बार ईरान ने पहली बार फतेह वन हाईपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रयोग किया है। यह मिसाइलें तकरीबन 20 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मनों के ठिकानों पर पहुंचती हैं। हमला ईरानी समय के अनुसार लगभग आठ बजे रात को शुरू हुआ। सबसे पहले इसराइल की राजधानी की तेलअबीब पर मिसाइलें गिरना शुरू हुईं और बाद में पूरा इसराइल हमले की जद में आ गया। इन हमलों में ईरान का कहना है कि इसराइल के सभी एयरबेस और मिलिट्री बेस तबाह कर दिए हैं। तेलअबीब में मौजूद मोसाद का हेडक्वार्टर तबाह कर दिया गया है। इसके अलावा, इसराइल के 30 एफ 35 विमानों को भी तबाह करने का दावा किया गया है। इन एफ 35 विमानों के जरिए ही इसराइल फिलिस्तीन और लेबनान में स्कूल, अस्पताल व लोगों के घरों पर बमबारी कर नागरिकों की हत्या करता है। ईरानी सेना का दावा है कि उसने इसराइल की सैन्य क्षमता को प्रभावित किया है। ईरानी सेना ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें इसराइली प्रेसीडेंट बेंजामिन नेतन्याहू बंकर में छिपने के लिए भागते देखे जा सकते हैं। हमला खत्म होने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो मैसेज ईरान को पलटवार की धमकी दी है। इस वीडियो मैसेज में बेंजामिन के साथ अन्य रक्षा अधिकारी दिख रहे हैं। हमेशा साथ रहने वाले रक्षा मंत्री येव गैलेंट नजर नहीं आ रहे हैं।
ईरान में सरकारी मेहमान व फिलिस्तीन के नागरिकों की हत्या के बदले में हुई कार्रवाई
इसराइल ने आतंकवादी कार्रवाई करते हुए ईरान की राजधानी तेहरान में ईरान के सरकारी मेहमान हमास के राजनीतिक विंग के मुखिया इस्माइल हनिया की हत्या की थी। इसी तरह, अंतर्राष्ट्रीय सैन्य नियमों और वियना समझौता का उल्लंघन करते हुए गजा और फिलिस्तीन में नागरिक ठिकानों पर हमले किए हैं। फिलिस्तीन में 42 हजार से अधिक नागरिकों की हत्या की गई है जिसमें महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है। इसी तरह, लेबनान में हमला कर 500 से अधिक नागरिकों की हत्या की और लेबनान के सैनिक संगठन हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरुल्लाह की हत्या कर दी। ईरानी सैन्य अधिकारियों का कहना है कि ईरान का मकसद इसराइल गजा युद्ध रुकवाना है। ईरान हनिया की हत्या के बाद ही बदला लेने जा रहा था मगर, अमरीका के प्रेसीडेंट ने फोन पर वादा किया था कि वह हनिया का बदला लेने के लिए इसराइल पर हमला नहीं करे। इसके बदले में अमरीमा इसराइल व गजा के बीच समझौता करा देगा। ईरान इसी समझौता के इंतजार में था। मगर, मंगलवार को ईरानी प्रेसीडेंट मसूद पेजेश्कियन ने यह बात ईरान के अन्य अधिकारियों को बताई तो तय हुआ कि अमरीका धोखा दे रहा है। इसी के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह सैयद अली खामनाई ने इसराइल पर हमले का आदेश जारी किया।
5 मिनट में इसराइल पहुंचीं हाइपरसोनिक मिसाइलें
ईरान ने लेबनान में हुए ईरानी दूतावास में इसराइली हमले के विरोध में जब अप्रैल में इसराइली एयरबेस में हमला किया था। तो ईरानी मिसाइलें तकरीबन एक घंटे में इसराइल पहुंची थीं। जार्डन और सऊदी अरब ने मना किया था कि उनके आसमान का प्रयोग नहीं किया जाए तो ईरानी मिसाइलों को ईराक और सीरिया के रास्ते लांच किया गया था। मगर, इस बार ईरान से लांच होने वाली हाईपर सोनिक मिसाइलें लांच होने के 5 मिनट में तेलअबीब पहुंच रही थीं। इनकी स्पीड 1350 किमी से 1950 किमी प्रति घंटे की है। इन मिसाइलों के नाम गदर एस, गदर एच और गदर एफ हैं। गदर मिसाइलें 15.86 मीटर से 16.58 मीटर लंबी होती हैं। इनका एयरफ्रेम डायमीटर 1.25 मीटर का है। एक हाईपर सोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का वजन 15 से 17.5 टन तक है। यह 1500 किमी तक मास ले जा सकती हैं।
सैन्य ठिकानों को ही बनाया गया निशाना
ईरानी अधिकारियों का कहना है कि वह कभी किसी देश के नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाते। इस बार भी ईरानी मिसाइलें इसराइल के सैन्य ठिकानों पर ही बरसाई गई हैं। कहा जा रहा है कि ईरान ने एक-एक कर इसराइल के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना शुरू किया। एक घंटे तक यह हमला चला। एक घंटे में 400 से अधिक हाईपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों ने इसराइल का अधिकांश सैन्य प्रतिष्ठान तबाह कर दिया है। सबसे पहले तेलअबीब के मोसाद हेडक्वार्टर पर हमला हुआ। ईरानी अधिकारियों का दावा है कि मोसाद के हेडक्वार्टर को बरबाद कर दिया गया है। इसके लिए उन्होंने वीडियो भी जारी किया है। इसी तरह, नेगेव एयरबेस, नेवातिम एयरबेस, हटजेरिम एयरबेस, तेफनाफ एयरबेस आदि उन सभी एयरबेस को नुकसान पहुंचाया है जहां से जंगी जहाज फिलिस्तीन व लेबनान की जनता की हत्या के लिए उड़ान भरते थे। ईरानी अधिकारियों का कहना है कि इन हमलों में जेरुसलम, हैफा, तेलअबीब, ऐश्दाद आदि शहरों में 12 सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है। ऐश्कलान गैस फील्ड और पेट्रोल प्लेटफार्म में आग के शोले देखे जा सकते थे। खुद इसराइलियों ने हमले से संबंधित वीडियो टेलीग्राम चैनल पर शेयर किए हैं। इसराइल के सारे एयरबेस तबाह कर दिए गए हैं।
अमरीका देखता रह गया, इसराइल पर हो गया हमला
ईरान ने इस्माइल की हत्या के बाद जब इसराइल पर हमले की बात कही थी तो अमरीका ने इसराइल की सुरक्षा के लिए अपने बेड़े इसराइल के आसपास तैनात कर दिए थे। यहां तक की हिंदमहासागर से भी अपने बेड़ों को लाकर इसराइल के आसपास तैनात किया गया था। मगर, अमरीका हाईपर सोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों को नहीं रोक पाया। जार्डन भी इस बार इन मिसाइलों को नहीं रोक पाया। ईरानी अधिकारियों का कहना है कि उनके 99 प्रतिशत मिसाइल लक्ष्य तक पहुंचे हैं। ईरान के प्रेसीडेंट मसूद पेजेश्कियन का कहना है कि यह तो एक झलक थी। इसराइल ने अगर फिर कोई गलती की तो जवाब दिया जाएगा। उधर, अमरीका और इसराइल ने इन हमलों का जवाब देने की बात कही है। रूस ने भी कहा है कि वह जंग की सूरत में ईरान के साथ है। ऐसे में विश्व पर तीसरे विश्चयुद्ध का खतरा मंडरा रहा है।
इसराइल के लिए मुसीबत का मंगलवार
मंगलवार का दिन इसराइल के लिए मुसीबत का था। सुबह से लेबनान, ईराक और यमन से मिसाइल बरस रहे थे। हैफा और तेलअबीब को दो बार निशाना बनाया गया। मोसाद के हेडक्वार्टर पर मिसाइल गिरे। शाम को ईराक की तरफ से 25 मिसाइलें तेल अबीब पर दागी गईं। शाम को ही तेलअबीब में एक मिलिट्री आफिस के पास गोलीबारी हुई जिसमें छह इसराइलियों की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि इनमें बड़े मिलिट्री अधिकारी शामिल हैं।