नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस होंगे अंतरिम सरकार के मुखिया , जानें कौन कर रहा है मंदिरों पर हमले
फिफ्थ पिलर : बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया होंगे। इस बात का फैसला बंगभवन में देर रात चली मीटिंग में हुआ। बांग्लादेश के राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में चली इस मीटिंग में तय हुआ है कि मोहम्मद यूनुस को सरकार का मुखिया बनाया जाएगा। इस मीटिंग में बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी मौजूद थे। मीटिंग में छात्रों के दल ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे राष्ट्रपति ने मान लिया। दूसरी तरफ, अल्पसंख्यक समुदाय और मंदिरों पर भी हमले की खबर है।
एक स्वतंत्रता सेनानी को सरकार में रखा जाएगा
राष्ट्रपति ने कहा कि एक स्वतंत्रता सेनानी को भी अंतरिम सरकार में रखा जाना चाहिए। गौरतलब है कि बांग्लादेश में लगभग तीन हफ्ते तक चली हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर वहां से भागना पड़ा था। तब से बांग्लादेश में कोई सरकार नहीं है। मंगलवार को दूसरा दिन भी बिना सरकार के बीत गया। इस वजह से बांग्लादेश में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
शेख हसीना की पार्टी के 29 नेताओं व परिवार के सदस्यों के शव मिले
बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद लोगों में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं के प्रति गुस्सा है। अवामी लीग के नेताओं और उनके परिजनों की लाश मिलने का सिलसिला जारी है। अब तक 29 लाशें मिल चुकी हैं। इनमें से 20 शव अवामी के लीग के नेताओं के हैं और बाकी उनके परिजनों के बताए जा रहे हैं। अवामी लीग के नेताओं के घरों और प्रतिष्ठानों को लूट कर जला दिया गया है। इनमें से 10 नेताओं को ढ़ाका के सतखीरा सदर और श्याम नगर इलाके में सोमवार को ही मार दिया गया था। कोमिला इलाके में 11 नेताओं को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था। एक नेता मोहम्मद शाह आलम के तीन मंजिला मकान को आग लगा दी गई थी। इस बिल्डिंग में जल कर 6 लोगों की मौत हो गई थी। अवामी लीग से जुड़े कई हिंदू नेताओं पर भी हमले की खबर है।
हिंदू मंदिरों पर भी हुए हमले, छात्रों ने संभाली सुरक्षा की कमान
कई जगह मंदिरों पर भी हमले की खबर है। इसके बाद छात्र नेताओं ने कई हिंदू मंदिरों की सुरक्षा की कमान संभाल ली है। ढाकेश्वरी मंदिर की सुरक्षा के लिए पहरा दे रहे रामकुमार दास ने बताया कि कुछ स्थानीय छात्र आए थे और मदद के लिए अपना मोबाइल नंबर दे कर गए हैं। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की खबरें आ रही हैं। इस वजह से उन्होंने यह समझा कि इस मंदिर पर भी हमला हो सकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ मंदिरों पर ही हमले नहीं हुए हैं बल्कि, मुस्लिमों के प्रतिष्ठानों पर भी हमला कर उन्हें लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अवसरवादी लोग देश की बदहाल व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं।
कौन कर रहा मंदिरों पर हमले
एक छात्र नेता राफिद आजाद ने बताया कि वह सोमवार से ही रमना काली मंदिर की सुरक्षा के लिए यहां मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों ने मंदिरों की सुरक्षा के लिए एक नेटवर्क बना लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि अल्पसंख्यकों पर कौन हमले कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने देखा है कि जब कहीं तख्तापलट होता है तो कुछ अवसरवादी लोग ऐसी हरकत करते हैं। ढ़ाका के इस्कान मंदिर के बाहर कोई सुरक्षा नहीं है। मंदिर के पुजारी दुर्लभ हरीनाम दास का कहना है कि इलाके के छात्रों ने उनसे मुलाकात कर उन्हें सुरक्षा का अश्वासन दिया है। वैसे भी यह अच्छा इलाका है। यहां वैसी दिक्कत नहीं है जैसी देश के अन्य हिस्से में है।